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Laxmi Dixit के बारे में

Laxmi Dixit is a writer, thinker, poetess, lyricist and author. She has written in many books and has worked with national and international writers. She is part of Six World Records. Her write ups are being published in various national and international news papers and magazines. She believes in karma and is a nature lover.

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Laxmi Dixit की पुस्तकें

शिवोहम

शिवोहम

दोहा छंद काव्य विधा का बहुत ही लोकप्रिय छंद है। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है रामचरितमानस। किंतु आधुनिक काल में छंद बद्ध काव्य शैली का अभाव हो रहा है। युवा लेखक छंद बद्ध रचनाओं को लिखने में अपना समय और शक्ति को नही लगाना चाहता। इस पुस्तक में दोहा छं

निःशुल्क

शिवोहम

शिवोहम

दोहा छंद काव्य विधा का बहुत ही लोकप्रिय छंद है। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है रामचरितमानस। किंतु आधुनिक काल में छंद बद्ध काव्य शैली का अभाव हो रहा है। युवा लेखक छंद बद्ध रचनाओं को लिखने में अपना समय और शक्ति को नही लगाना चाहता। इस पुस्तक में दोहा छं

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Laxmi Dixit के लेख

दोहे

14 अगस्त 2024
2
1

11. काशी के कण में बसा, महिमा अपरम पार। अति सूक्ष्म ये रहस्य है, वेदों का ये सार।। 12. जिया अगर तो क्या जिया, जो न किया शिव ध्यान। माटी की इस गात पर, मिथ्या करता मान।। 13. छप्पन भोग क्षुधा नही

दोहे

13 अगस्त 2024
1
0

6. जब बाबा काशी गए, गौरा भयीं अधीर। अन्न, अंबु, घर तज दिया, अक्ष बहे झर नीर।। 7. कंठ हार भोले सजे, है परम मूल्य वान। भक्त अपरिमित वासुकी, न करे कोई मान।। 8. शिव पूजन का नाग का, है पहला अधिकार।

दोहे

12 अगस्त 2024
3
2

1. सर्प हार पहने गले, माला सोहे मुंड। बाघंबर तन पे सजे, भाल मध्य त्रिपुंड।। 2. सावन में गौ रस चढ़े, होता जल अभिषेक। भांग, धतूरा , मधु चखें, रख बाबा बहु भेष।। 3. चोट लगी रोया नही, बहुत बड़ा तू

नागपंचमी

11 अगस्त 2024
1
0

कंठ हार भोले सजे, है परम मूल्य वान। भक्त अपरिमित वासुकी, न करे कोई मान।।

मेरी दौलत मेरी कविताएं

11 अगस्त 2024
1
0

मेरी कविताएं ही मेरी दौलत है, मेरी हस्ती इन्हीं की बदौलत है। इनके हर हर्फ को मैंने खूबसूरती से चुना है, फिर जीवन के एहसासों के धागों में बुना है। अनुभवों को एक लय में पिरोया है, छोटे-

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