रात का 9 बजा था राभ्या अपने फ्लैट में थी वो लगातार रोए जा रही थी उसने खाना भी नही खाया था तभी डोरवेल बजी ,, राभ्या ने अपने आंसू पोछे खुद को नॉर्मल किया फिर गेट खोला तो सामने कृष खड़ा था , उसने गुस्से में गेट बंद करना चाहा पर कृष ने धक्का देकर गेट खोल दिया और अंदर आकर गेट बंद कर दिया ।
राभ्या कृष को देखकर 2 कदम पीछे हट गई , घबराहट के कारण उसकी सांसे रुक सी गई थी । उसने डरते हुए पूछा,,।
आ,,,आप यहां,, क्यों आए हैं,,? मिस्टर चंद्रवंशी ।
( मैं मेरी कहानी के किरदार किसी भी तरह के नशे का समर्थन नही करते बस मनोरंजन के लिए ये सीन लिखा गया है धन्यवाद 🙏😊)
कृष राभ्या के एकदम करीब आ गया , राभ्या ने महसूस किया कृष नशे में है , उसने तुरंत गुस्से में अपनी नज़रे उस पर से हटा ली ,
तुमसे मिलने आया हूं,,, तुम्हारे लिए आया हूं,,, तुम्हे ले जाने,,, और तुम्हे अपने साथ लेकर ही जाऊंगा ,,, ।
राभ्या ने कृष को हैरानी से देखा , फिर एक गहरी सांस लेकर राभ्या ने खुद को शांत करते हुए कृष से कहा ,
आप नशे में हैं मिस्टर चंद्रवंशी,,, देखिए आप ,,, आप चलिए मैं आपको आपके घर छोड़ देती हूं ।
नही मैं कहीं नही जाऊंगा,,,। इतना कहकर कृष बैडरूम की तरफ बढ़ गया और जाकर बैड पर पेट के बल लेट गया।
ओह गॉड ये तो मेरे बैड पर ही लेट गए अब मैं कहां सोऊंगी ,,, राभ्या के चेहरे पर टेंशन साफ झलक रही थी।
राभ्या ने देखा कृष बैड पर बेतरतीप तरीके से पड़ा था , राभ्या ने सोचा , कृष कही ज़मीन पर न गिर जाए इसलिए वो उसे सही से लिटाने के लिए उसके करीब गई , उसने कृष को ठीक से लिटा दिया फिर , और उसके जूते उतारने लगी , राभ्या ने कृष के सर के नीचे तकिया लगाने की कोशिश की , पर कृष उठ कर वापस बैड पर बैठ गया , राभ्या डर कर अपने कदम पीछे लेने लगी ,
कृष ने ज़ोर ज़ोर से रोना शुरू कर ,, राभ्या हैरान सी कृष को देख रही थी ,
राभ्या कुछ सोचकर कृष के पास आकर बैठ गई ,
क्या हुआ मिस्टर चंद्रवंशी,,आप ऐसे रो क्यों रहे हैं,,।
सब,,, सब मुझे बुरा समझते हैं,,,। क्या,, मैं बुरा हूं ,,,? कृष मासूम से बच्चे की तरह राभ्या से सवाल कर रहा था ,
राभ्या को कुछ समझ ही नही आ रहा था , वो कृष को पहली बार ऐसे रोते हुए बच्चों की तरह मासूम से सवाल करते हुए देख रही थी ,
उसने खुद को शांत रखते हुए जवाब दिया ,
नही मिस्टर चंद्रवंशी ,,,।
हां मैं हूं बुरा,,,😭 बहुत बुरा हूं ,,,,😭तुम भी तो मुझे बुरा समझती हो ना ,,, है ना ,,😭। कृष डबडबाई आंखों से राभ्या को देखते हुए बोला ।
नही,, मिस्टर चंद्रवंशी ,,, ऐसी कोई बात नही है राभ्या ने कृष से नजर चुराते हुए कहा।
हां ,,, मैं बुरा हूं ,, 😭तुम भी यही मानती हो ,, इसीलिए तो मेरे साथ घर नही जाती हो ,,, 😭😭 । कृष ने राभ्या का हाथ पकड़ना चाहा पर अगले पल उसने अपना हाथ पीछे कर लिया ,
नही,,,, नही ,,, अगर मैने तुम्हे छूने की कोशिश की तो तुम गायब हो जाओगी,,😭।
राभ्या ने हैरानी से कृष को देखते हुए ,,, गायब ,,,।
हां गायब,,,😭 तुम रोज मेरे पास आती हो और जैसे ही मैं तुम्हारे करीब आता हूं तुम्हे छूने की कोशिश करता हूं तुम गायब हो जाती हो ,,,, 😭सच्ची गॉड प्रॉमिस ,,,।
इसीलिए,,, कहते हुए कृष फिर अपने हाथ आगे बढ़ाता है , और फिर एक दम पीछे कर लेता ,,,।
नही,,, मैं दूर से बात करूंगा वरना तुम फिर से चली जाओगी ,,,।
कृष की मीठी मीठी बातें सुनकर राभ्या के चेहरे पर मुस्कान आ गई , उसने कृष की आंखो में देखते हुए कहा ,
मैं कहीं नही जाऊंगी ,,, मिस्टर चंद्रवंशी,,,। उसने अपनी बड़ी बड़ी पलकें झपकाते हुए कहा ,
कृष ने अपनी आंसू से भरी आंखे पोंछ ली ,
सच्ची ,,, नही जाओगी,,। कृष ने अपना मासूम चेहरा बना कर राभ्या से पूछा।
हां,,,, यकीन न हो तो छूकर देख लीजिए ,,,। राभ्या ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया।
कृष ने धीरे से अपना हाथ राभ्या को तरफ़ बढ़ाया उसे हल्के से छूकर हाथ पीछे करके अपनी आंखे कस के बंद कर ली और बोलने लगा ,,।
चली गई ,,,, चली गई,,, गायब हो गई,,,।
फिर उसने धीरे से अपनी एक आंख खोलकर देखा तो राभ्या को अपने सामने पाकर वो खुश हो गया ,,,।
अरे तुम तो गायब नही हुई ,,, तुम तो यहीं हो ,,। ए,,एक बार, फिर से छूकर देखूं एक बार ,,। कृष इस वक्त एक छोटे से मासूम बच्चे की तरह लग रहा था ,,।
राभ्या ने मुस्कुरा कर हां में सर हिला दिया।
कृष ने राभ्या का हाथ फिर से छुआ , और कहा ,
तुम यहीं हो ,,,। फिर उसने राभ्या का हाथ पकड़ लिया ।
तुम ,,, मुझे छोड़ कर तो नही जाओगी न ,,, हमेशा मेरे साथ रहोगी न ,,, मुझे सब छोड़ कर चले जाते हैं,, तुम्हे पता है पहले मम्मा गॉड के पास चली गई ,,, फिर तनीषा मुझे छोड़कर किसी और के साथ चली गई ,,,। मैं अकेला हो गया।
तनीषा का नाम सुनकर राभ्या सोंच में पड़ गई ,
ये आज जो दिख रहे हैं , बिल्कुल अलग हैं कहते हैं इंसान नशे में सच बोलता है ,,, कही तनीषा की वजह से तो ये नही बदल गए मुझे पता लगाना होगा ये तनीषा कौन है?
हे ,,,! तुम कहां खो गई ,,, स्वीटी,,,।
स्वीटी ,,,। राभ्या ने मुस्कुराकर कृष की आंखों में देखते हुए अपनी पलकें झपकाते हुए कहा ।
हां स्वीटी,,, आज से तुम मेरी स्वीटी हो पता है मैं जब तुम्हारा नाम नही जानता था तुम्हे स्वीटी बुलाता था ।
उसने प्यार से कृष की आंखो में देखते हुए कहा ,
अच्छा एक बात पूछूं आप सच सच बताएंगे ,,,?
हम्मम,,,। कृष ने मासूमियत से सर हिला दिया ।
ये तनीषा कौन है,,,? आपका क्या रिश्ता है उससे ,,।
राभ्या ने धीरे से पूछा ,,।
मुझे तुमसे बात नही करनी जाओ यहां से ,,,😠 कृष गुस्से में मुंह घुमा कर बैठ गया ।
क्यों,,, क्यों बात नही करेंगे आप ,,। 😊
वो तनीषा,,, वो,,वो अच्छी नहीं है,,वो बहुत बुरी है,, आई हेट हर,,😠।
पर आप तो सारी लड़कियों से नफरत करते हैं,,, मुझसे भी,,, है ना,,।
कृष ने मासूमियत से कहा ,
हां नफरत करता हूं ,,,बहुत नफरत करता हूं सारी लडकियों से पर,,,।
पर,,, पर क्या,,? मिस्टर चंद्रवंशी।
तुम्हे नही पता लड़कियां बेवफा होती हैं,,, इसीलिए नफरत करता हूं सारी लडकियों से पर तुमसे नही,,।
पर मैं भी तो लड़की हूं ना,,, तो फिर मुझसे क्यों नही करते नफरत,,😊? राभ्या ने मुस्कुरा कर पूछा।
क्योंकि तुम बाकियों के जैसी नही हो ,,, सबसे अलग हो,, बहुत प्यारी हो ,,, तुमसे नफरत करने का दिल नही करता ,,। तुम पर तो प्यार आता है स्वीटी ,,,।
राभ्या के चेहरे की मुस्कान बड़ी हो गई ,
आप सो जाइए मिस्टर चंद्रवंशी ,,,सुबह ऑफिस भी जाना है ना ,,😊।
हां जाना तो है,, चलो सो जाते हैं,,। कृष बैड पर लेट गया , राभ्या ने उसके सर के नीचे तकिया लगा दिया । फिर जैसे ही जाने के लिए आगे बढ़ी , कृष ने उसका हाथ पकड़ लिया ,
कहां जा रही हो तुम,,,? तुमने तो कहा था अभी,, मुझे छोड़कर कभी नही जाओगी ,,। कृष ने उसके एक झटके से खुद करीब खींच लिया वो सीधा कृष के ऊपर गिर गई उसके दोनो हाथ कृष के सीने पर था उसकी आधी खुली शर्ट पर राभ्या के कोमल हाथ कृष को अपने सीने पर महसूस हो रहे थे ।
कृष ने राभ्या के चेहरे पर आए हुए बालों को उसके कान के पीछे किया और धीरे से उसके कान में कहा ,
तुम मेरी बीवी हो ,,, और मैं नही चाहता मेरी बीवी मुझसे दूर रहे ,,। राभ्या ने कुछ कहना चाहा पर कृष ने अपने होठों से उसके होठों को लॉक कर दिया , राभ्या सिहंर उठी वो जम सी गई थी उसकी आंखे बड़ी बड़ी हो गई ।
कृष ने राभ्या को अपने बगल ने लिटा दिया और उसे अपनी बाहों लिए हुए ही सो गया ।
राधे राधे दोस्तों 🙏आगे की कहानी नेक्स्ट पार्ट में अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफी चाहती हूं आपको कहानी कैसी लग रही है मुझे कॉमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं जैसे आपको कहानी के अगले भाग का इंतजार रहता है वैसे ही मुझे आपके कॉमेंट्स का इंतजार रहता है आपके कॉमेंट्स मुझे और अच्छा लिखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं धन्यवाद 🙏😊
श्रद्धा ' मीरा ' ✍️