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सत्तामद के विरुद्ध संघर्ष के नायक- भगवान् परशुराम

27 अप्रैल 2017
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जय परशुराम जी. वैदिक कालखंड के आर्यावर्त में हमारे ऋषि मुनि क्षत्रियों को राज सत्ता सौंप उन्हें राष्ट्र और जन दोनों के हित में कार्य करने का निर्देश दे कर निश्रेयस भाव से वन में सामान्य साधनों में जीवन यापन करते थे, साथ ही निरंतर समाज को देने के लिए ज्ञान विज्ञान क

आदर्श स्वयंसेवक पंडित दीनदयाल उपाध्याय

27 अप्रैल 2017
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पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती के अवसर पर एकात्म मानव दर्शन को लेकर अनेक गोष्टियों परिचर्चा ये और प्रकाशन हो रहे हैं। सामन्यतः इन सबमे दर्शन एवं सिद्धांतो की ही चर्चा अधिक होती है। थोडा अधिक चिंतन करने वाले व्यक्तियों ने एकात्म मानव दर्शन पर आधारित नीतियों का कैसे निर्मा

मेरा भारत मेरे भगवान्

26 अप्रैल 2017
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25 दिसम्बर 1892, स्वामी विवेकानन्द ने श्रीपाद शिला पर अपना ध्यान प्रारम्भ किया। मान्यता है कि उसी शिलापर देवी कन्याकुमारी ने स्वयं तपस्या की थी। तप तो हर जन्म की भाँति ही शिवजी को प्राप्त करने के लिये था। किन्तु इस अवतार में देवी का जीवनध्येय कुछ और था। बाणासुर के वध के ल

निजी लाभ हानि में धर्म को क्यों धकेले...

1 जनवरी 2016
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राजस्थान के वरिष्ठ आईएस अफसर श्री उमराव सालोदिया ने मुख्य सचिव नहीं बनाने से नाराज होकर इस्लाम कबूल कर लिया, उनका कहना था की हिन्दू धर्म में भेदभाव होता है और वे दलित है अत: उन्हें इस पद से वंचित रखा गया है. ये बहुत ही अटपटी बात लगती है, अगर उन्हें मुख्य सचिव नही बनाया तो ये राजनितिक और प्रशासनिक नि

अभिवादन

8 अक्टूबर 2015
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करता हूँ अभिवादन सबका, तन से,  मन से , उल्लासित जीवन से , 

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