shabd-logo

common.aboutWriter

Other Language Profiles
no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

Shahar Me Gaon

Shahar Me Gaon

निदा फ़ाजली चलती फिरती लेकिन लम्हा-ब-लम्हा बदलती ज़िन्दगी के शायर हैं। उनका कलाम मेहज़ ख़याल आराई या किताबी फलसफा तराज़ी नहीं है। वजूदी मुफ़िक्कर व अदीब कामियो ने कहा है। मेरे आगे न चलो, मैं तुम्हारी पैरवी नहीं कर सकता। मेरे पीछे न चलो मैं रहनुमाई नहीं कर

0 common.readCount
0 common.articles
common.personBought

प्रिंट बुक:

375/-

Shahar Me Gaon

Shahar Me Gaon

निदा फ़ाजली चलती फिरती लेकिन लम्हा-ब-लम्हा बदलती ज़िन्दगी के शायर हैं। उनका कलाम मेहज़ ख़याल आराई या किताबी फलसफा तराज़ी नहीं है। वजूदी मुफ़िक्कर व अदीब कामियो ने कहा है। मेरे आगे न चलो, मैं तुम्हारी पैरवी नहीं कर सकता। मेरे पीछे न चलो मैं रहनुमाई नहीं कर

0 common.readCount
0 common.articles
common.personBought

प्रिंट बुक:

375/-

common.kelekh

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए