अहिंसा का रुप बदलता हिंसा में
आज 2 अकंटूबर है दो महान व्यक्ति की जऩमतिथि एक अहिंसा के पुजारी तो दूसरे अनुशासन के धनी दोनों ही अपना अलग अलग वयक्त रखते हैं, लेकिन आज जिस तरह से देश में माहौल है उस से लगता है कि देश की स्वतंत्रता के बाद जो स्वपन देखा था वो भारत तो मिला ही नहीं... न देश मे बेटी बहन सुरक्षित है नहीं कोई आम आदमी, यहाँ