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प्रथम आहट

15 अक्टूबर 2021

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कितनी बार पुकारा होगा 
दिल जरूर धड़का तुम्हारा होगा 
बस जरा हिम्मत ही तो करनी थी 
आज वो सब होता अपना 
जो कभी सोचते थे , 
ये हमारा होगा 
तुम ही न बढ पाए 
जरा हम भी कमजोर रहे 
बस दिल की दिल में रहीं 
क्या खबर थी 
दिल यूं कभी बेसहारा होगा 
तुम से ही मोहब्बत थी 
जिस्मफरोशी तो तमाम कर ली 
बस वो अहसास न मिला 
जो तुमसे था कभी 
वरना ढूंढने हमसा कोई 
दर हर एक पर हाथ तुमने भी  मारा होगा 

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ये मेरी कहानियों का एक छोटा सा हिस्सा है , जिसमें कभी मेरी कहानियां आप को सोचने को मजबूर करेंगी , और कभी मेरी कवितायेँ आप को नयी दुनिया मैं ले के जायँगी , आप के लिए इसकी कीमत बहुत कम रखी है , अब एक लेखक का इतना तो हक़ बनता है न ....

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