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बलात्कार

18 अक्टूबर 2021

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सुबह सुबह दुकान खुली ही थी बनिये की . एक औरत आई
और दुकान से कुछ सामान खरीदने लगी . सामान खरीदने के बाद उसने बनिए के
सामने ५०० क नोट बढ़ा दिया . दूकानदार ने नोट उलट पुलट कर देखा और कहा," ये
नोट तो नकली है" . औरत चौंक गयी आँखे फैल गयी उसकी और बोली," ठीक से देखो,
असली है , दुकानदार ने कहा ,"ठीक से देख कर ही बोला " . वो धम्म से नीच बैठ
गयी और चिल्ला कर और रो रो कर कहने लगी ," हाय मेरा बलात्कार हो
गया.......

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ये मेरी कहानियों का एक छोटा सा हिस्सा है , जिसमें कभी मेरी कहानियां आप को सोचने को मजबूर करेंगी , और कभी मेरी कवितायेँ आप को नयी दुनिया मैं ले के जायँगी , आप के लिए इसकी कीमत बहुत कम रखी है , अब एक लेखक का इतना तो हक़ बनता है न ....

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