![Praveen Mishra](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fuser-dummy.3008bc83.png&w=384&q=75)
Praveen Mishra
प्रवीण मिश्र पत्रकार / एडवोकेट मुझे पढ़ने और लिखने में काफी आत्मसकून का अनुभव होता है, कहते है कि ज्ञान कभी जाया नही जाता और इस पर माया का प्रभाव नहीं चलता। हर सांस कुछ सिखाती है और हर धड़कन कुछ कह कर जाती है। इससे समाज को रूबरू कराना भी अपना दायित्व है।
![बनते बिगड़ते जमाने के रंग](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fbanate-bigadate-jamane-ke-rang_PraveenMishra_1693305102957.jpg&w=384&q=75)
बनते बिगड़ते जमाने के रंग
सभी को सदर प्रणाम, कैंची साइकिल चलाने के सुख से शुरू हुई जीवन के इस उलटफेर में न दिन रुका न रात थमी। भगवान से ज्यादा शक्तिशाली समझने वाले लोगो ने भी अपने विकास के रफ्तार को दिन दूना रात चौगुना गति पकड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अद
![बनते बिगड़ते जमाने के रंग](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fbanate-bigadate-jamane-ke-rang_PraveenMishra_1693305102957.jpg&w=256&q=75)
बनते बिगड़ते जमाने के रंग
सभी को सदर प्रणाम, कैंची साइकिल चलाने के सुख से शुरू हुई जीवन के इस उलटफेर में न दिन रुका न रात थमी। भगवान से ज्यादा शक्तिशाली समझने वाले लोगो ने भी अपने विकास के रफ्तार को दिन दूना रात चौगुना गति पकड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अद