shabd-logo

कोई रोए ना

13 नवम्बर 2021

19 बार देखा गया 19
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें

Praveen Mishra की अन्य किताबें

13
रचनाएँ
बनते बिगड़ते जमाने के रंग
0.0
सभी को सदर प्रणाम, कैंची साइकिल चलाने के सुख से शुरू हुई जीवन के इस उलटफेर में न दिन रुका न रात थमी। भगवान से ज्यादा शक्तिशाली समझने वाले लोगो ने भी अपने विकास के रफ्तार को दिन दूना रात चौगुना गति पकड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अदृश्य शक्ति के आगे सबको नतमस्तक होना ही पड़ गया। रेडियो, टीवी, वीसीआर, सीडी से आगे बढ़कर हम कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब से मोबाइल पर आ गए। जैसे जैसे आविष्कार हुए उपलब्धियां मिली वैसे वैसे अहम भी बढ़ता गया। वापस घर में बैठने और कुछ न करने के अलावा किसी से मिलने से और गले लगाने से समाज को न कोई परहेज रहा और न ही किसी ने सोचा कि भविष्य में हमे कोई इससे रोक सकेगा। लेकिन समय के काल चक्र ने जब अपनी फिरकी घुमाई तो दिखा तो नही लेकिन सभी ने कोरोना की अनुभूति की। डर ऐसा सताया कि घर से बाहर निकलने में भी हिम्मत बांधने की जहमत उठाना भी इसी समाज के लोगो ने मुनासिब न समझा। इस दौरान जो समाज विकास और मदद की बात कर रहा था उसी में से कुछ ने आपदा को अवसर बना लिया। कुछ ने सेवा किया तो कुछ ने मलाई काट ली। समाज को इसी दौरान लोगो के द्वारा दिखाई गई हकीकत को लेकर मैंने इसे वर्णित करने का प्रयास अपनी इसी पुस्तक "बनते बिगड़ते जमाने के रंग" में किया है। आशा है आपको ये बीते आपदा के अवसर में खट्टे मीठे अनुभवों को ताज़ा करने में सहायक होगी। प्रवीण मिश्र "परम्"
1

...शासन के कुछ बिरले है

11 नवम्बर 2021
1
1
0

<p>...शासन के कुछ बिरले है।।</p> <p><br></p> <p>ये जो अफसर शाही है,</p> <p>ये सत्ता दल के राही है।</

2

आजादी की स्वर्ण जयन्ती कुछ वर्षो में आयेगी

11 नवम्बर 2021
2
2
0

<p><br></p> <p>आजादी की स्वर्ण जयन्ती कुछ वर्षो में आयेगी,</p> <p>विकासशील भारत पुकारने में जनता श

3

चिता पर रोटी सेंकी जाती है

13 नवम्बर 2021
0
0
0

<p>...चिता पर भारत में रोटी सेंकी जाती है</p> <p>--------------------------------------</p> <p><br><

4

गवाह मेरा भी बुलाया जाए तो बेहतर होगा

13 नवम्बर 2021
0
0
0

<p>अब सबकुछ बताया जाय तो बेहतर होगा.</p> <p>कुछ भी न छुपाया जाय तो बेहतर होगा ;</p> <p>क़ाज़ी मुंसिफ

5

सपना

13 नवम्बर 2021
0
0
0

<p>मोदी योगी का है ये सपना,</p> <p>राम साकार करें मिशन अपना।</p> <p>जनता कुछ भी जान ना पाए,</p> <p>ज

6

कोरोना में कलमकार की कलम से

13 नवम्बर 2021
0
0
0

<p>दृश्य विहंगम तपन चरम पर,</p> <p>और करम पर रोना है।</p> <p>आज मरा वह समाजसेवी,</p> <p>जिसको नहीं क

7

कोई रोए ना

13 नवम्बर 2021
0
0
0

<p>कोरोना का मतलब है कोई रोए ना,</p> <p>दर्द मिले ऐसा कि कोई सोए ना।</p> <p>बेतहाशा सा बैठ के बस निह

8

महिमा अपार है

13 नवम्बर 2021
1
0
0

<p>नगर पालिका गोण्डा की महिमा अपार है</p> <p>--------------------------------------</p> <p><br></p>

9

कलम चोर पुलिस की करनी

4 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>कलम चोर पुलिस की करनी</p> <p><br></p> <p>कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई,</p> <p>पांडेय जी जबसे आए हो

10

कौन नहीं है मंगता जग में

5 मार्च 2022
0
0
0

कौन नहीं है मंगता जग में -------------------------- कौन नहीं है मंगता जग में, किससे किसको उम्मीद नहीं। कौन ना पावैय मोती मानुष, किसके नसीब में चून नहीं।। दर दर दरखास्त लगाते देखा, सर पटक के ह

11

जीएसटी अफसर, आगन्तुक बाबूजी

20 जुलाई 2022
0
0
0

मध्यम वर्ग मंहगाई से करता देखो दो-दो हाथ, कोई भी सामान खरीदे, जीएसटी डायन साथ। कमर तोड़ मंहगाई में बस निकले एक ही बात, अब तो आटा चावल से जुड़ गया जीएसटी का नात।। माह में वेतन ऐसे मिलता जैसे ईद का

12

जयकारा लगवाओ तुम

6 जनवरी 2023
0
0
0

लेव लागी आचार संहिता, जयकारा लगवाओ तू। दम है तो आयोग के बूटी, सूंघौ नाचौ गाओ तुम।। वैतरणी चुनाव की आयी, एसी से बाहर आय गये। गांव के लीक से निकरे, पगडंडी पर धूर वैय खाय गये।। चढा नशा सब रुप

13

स्वर्ग उनकी हवेली में सिमट कर रह गया

15 जुलाई 2023
1
0
0

इनसानियत पर भारी हैं अल्लाह और राम इन्सानियत के बीच में इनका न कोई काम, इन्सानियत को मान लो इनसान तुम बनो दुनिया में आये हो तो कुछ काम तो करो। इनसान ही इनसान का दुश्मन है बन गया कोई सर कलम करे

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए