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प्यासा...

20 सितम्बर 2021

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मेरी शिकायतों पर कहा उसने "चले जाओ"....
मैं कैसे समझाऊं उस नादान को, कि कोई प्यासा दरिया से दूर आशियाना बनाता है क्या ?

मैं तो बंजर ज़मीं का वो दरख़्त हूँ यहीं फ़ना हो जाएगा, कोई मुसाफिर नहीं जो आज यहां और कल वहां ठहर जाता है....!

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