भाग 1
दिल्ली से एक गाड़ी में दो लड़के दो लड़कियां राजस्थान में जोधपुर घूमने निकलते हैं,*"!!
चारो ही करीब करीब 22 से 23 साल के होंगे , सभी सायकोलाजिस्ट हैं उन्हें भटकती हुई आत्माओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना और उनके साथ बाते करने का शौक है ,*"!!!
एक है सुशांत वर्मा , उसके पिता जयदेव वर्मा सरकारी नौकरी में अच्छे पोस्ट पर हैं ,पैसे की कोई कमी नही है , दिखने में स्मार्ट और अच्छी पर्सनालिटी का मालिक है ,!!!!
लड़कियां उसकी दीवानी है ,और वह खुद शालिनी कौशिक का दीवाना है जो उसके साथ ही है , शालिनी के पिता जीवन कौशिक बड़े डॉक्टर हैं , और दिल्ली जैसे महानगर में उनका अपना एक बड़ा हॉस्पिटल है , *"!!!
दूसरा लड़का प्रणय शर्मा है ,उसके पिता गोविंद राम बिल्डर हैं , और प्रणय भी बहुत ही स्मार्ट है ,और उसकी गर्ल फ्रेंड समीक्षा दत्त भी एक बड़े परिवार से ताल्लुक रखती हैं ,उसके पिता गौरव दत्त एक संस्था चलाते हैं , जिसमे वह उन बच्चो की सहायता करते हैं ,जिनका आगे पीछे कोई नही है ,और उन बच्चो को एक अच्छी जिंदगी अच्छी पढ़ाई देना चाहते हैं , और इस कार्य में विदेशों से भी बहुत सारा फंड आता था ,और यहां भी काफी फंड मिलता है ,मतलब सेवा के साथ साथ मेवा भी खा रहे थे, ,*"!!!!
चारो लोगो को उनके एक क्लास मेट कल्पेश सिंह ने बुलाया है ,*"!!!
कल्पेश जोधपुर के पुरवा गांव में रहता है , उसके गांव के पास एक जंगल में एक पुराना महल है ,जिसमे लोग दिन में भी जाने से घबराते हैं ,वह एक तो इतना बड़ा है कि उसे देख कर ही डर लगता है , ,*"!!
कई बार लोग उसमे जिद्द करके गए थे पर वह जीवित लौटकर नहीं आए , अब तो सरकारी फरमान का बोर्ड लगा दिया गया था , कि कोई भी इस महल में प्रवेश न करे , इसके अंदर जाना अपनी जान गवाना है ,*"!!!
कई बार कुछ तांत्रिक भी उसमे जाने का प्रयास करते हैं पर अंदर जान से पहले ही उनकी हालत गंभीर हो जाती है , और उन्हे सीधे हॉस्पिटल जाना पड़ा था,*"!!!
कल्पेश ने जब उस महल के बारे में इनको बताया तो चारो एकदम से खुश हो गए थे ,
वैसे भी उन लोगो का ग्रेजुएशन पूरा हो रहा था तो वह चाहते थे एक प्रॉपर प्रैक्टिकल भी हो जाए , *"!!!
वैसे भी वह चारो हीलिंग भी करना शुरू कर दिए थे ,, उन्होंने एक दो बार छोटे मोटे भूतो को बुला भी लिया था तो उन्हे मजा आता है , उन्हे ये भी पता था की ये भूत तो बहुत साधारण हैं ,आत्माओं की दुनियां में एक से बढ़कर एक भयानक आत्माएं हैं , !!!!
सभी अपनी अपनी हांकते हुए चले जा रहे हैं , अंधेरा होने लगा था वह लोग प्लान करते हैं की वह कहीं रास्ते में रुक जायेंगे ,!!!!
वह लोग एक देशी ढाबे पर रुकते हैं , और जम कर खाना खाते हैं ,,बहुत दिन बाद उन्होंने राजस्थानी ढाबे पर खाना खाया था , बजड़े की रोटी और लहसुन का अचारअचार तो सभी को बहुत पसंद आता है , !!!
सभी लोग खाना खाने के बाद गरमा गरम मसाला दूध पीते है और बिल देकर उठते हैं और जैसे ही गाड़ी के पास पहुंचते हैं तो एक आदमी उनके पास आकर कहता है , *" भाई आप लोग जोधपुर की ओर जा रहे हैं ,*"!!!
उन्हे आश्चर्य होता है की उसे कैसे पता चला कि वह जोधपुर जा रहे हैं ,*"!!!
वह समझ जाता है और कहता है*" भाई मैं आप लोगो के पीछे ही बैठा था, और आपकी बातो से पता चला कि आप लोग उसी ओर जा रहे हैं तो मुझे भी यहां से 40 किलोमीटर दूर इसी सड़क पर छोड़ देंगे तो मेहरबानी होगी ,इस वक्त कोई साधन नहीं मिलेगा , *"!!!
चारो एक दूसरे को देखते है ,वैसे तो उनके पास मर्सडीज की वैगन थी उसमे काफी जगह थी ,वैसे भी शालिनी कह रही थी की वह पीछे जाकर सो जायेगी ,और अब कार भी प्रणय चलाने वाला था ,तो बीच की एक सीट खाली ही थी , तो वह लोग मान जाते हैं ,चालीस किलोमीटर तो आधे घंटे में ही पहुंचना था , उसे बिठाकर वह चल देते हैं ,*"!!!!
रास्ते में प्रणय गाड़ी चला रहा था ,बीच में बैठा सुशांत भी आंखे बंद करके बैठा था , अभी एक घंटे में वह होटल आने वाला था जहां उन्होंने बुकिंग किया था ,
प्रणय के बगल में समीक्षा बैठी म्यूजिक सुन रही थी , प्रणय बैक मिरर सेट करने लगता है तो वह चौक उठता है ,उसके माथे पर पसीना छूटने लगता है , क्योंकि मिरर में वह आदमी दिखाई नही पड़ रहा था , पर वह शांत रहता है ,इसकी वजह भी यह थी की वह सब तंत्र मंत्र के दुनिया के ही थे ,और उसी की पढ़ाई भी कर रहे हैं , वह समझ गया की उन्होंने आदमी नही किसी आत्मा को लिफ्ट दे दिया था ,*"!!!
वह धीरे धीरे गाड़ी चलाते हुए चलने लगता है ,वह सुशांत को आवाज देता है और कहता है ,*" क्या भाई सो गया क्या , अभी होटल पहुंच के सोना ही है , अरे पास में अंकल बैठे हैं उनसे कुछ बात चीत कर ,*"!!!
और ऐसा कहते हुए वह पीछे देखता है तो वह आदमी उसे देख मुस्कराया !!!
तो सुशांत आंख खोलते हुए कहता है ,*" यार अब अंकल थोड़ी देर में उतर जायेंगे ,तो उनसे क्या बात करूं क्यों अंकल सही बोल रहा हूं ना , *"!!
वह मुस्कराकर सर हिलाता है पर बोलता कुछ नही है , थोड़ी देर में ही उसका ठिकाना आने वाला था वह प्रणय से कहता है ,*" तुम लोग जिस काम से जा रहे हो उसमे ध्यान रखना , जरा सी लापरवाही जान लेवा हो सकती हैं ,*"!!!
प्रणय और सुशांत चौकते हैं ,तो वह कहता है ,*" अरे भाई ये बात भी मैने तुम्ही से सुनी थी तुम्हारे पीछे ही बैठा मैं भी खा रहा था,*"!!!
प्रणय तो समझ ही गया था की वह कौन है , इसलिए वह पूछता है ,*" आप उस महल के बारे में जानते ही होंगे ,*"!!!
वह मुस्कराकर कहता है ,*" में सब कुछ जानता हूं पर होनी को कोई टाल नही सकता,*"!!!
उसी समय बीच रोड पर सफेद साड़ी में लिपटी एक औरत खड़ी दिखाई देती है ,जो उन्हे रुकने का इशारा करती है ,!!!
क्रमशः