Dinesh Dubey
मैं दिनेश दुबे, मुंबई में रहता हूं। बचपन से कहानियां पढ़ने और लिखने का शौक था और आगे चल कर फिल्म लाइन में काम करने लगा। मैंने काफी एड फिल्म लिखी और डायरेक्ट की हैं। इसके अलावा कई कहानियां और स्क्रिप्ट पहले भी लिखी है। कुछ डिजिटल प्लेटफार्म पर कहानियां पढ़ी तो फिर लगा कि कुछ कहानियां मुझे भी लिखनी चाहिए और लिखना शुरू कर दिया। लोगो का अच्छा प्रतिसाद भी मिला। अब कुछ कहानियां उपन्यास के रूप में भी प्रकाशित करने की सोचा और अब लगातार किताब प्रकाशित हो रही है। उम्मीद करता हूं, आप लोगो को पसंद आएगी। :)
खूनी हवेली
एक पुरानी हवेली है ,उसके मालिक ने उसे खरीद कर छोड़ दिया था , पिछले तीस साल से वहां कोई भी रहता नही था कभी कभार कोई एकाध घंटे के लिए आता था तो वहां का सुनसान वातावरण और हवेली के अंदर चलती सायं सायं ठंडी हवा लोगो के होश उड़ देते हैं,और वह लोग वहां त
खूनी हवेली
एक पुरानी हवेली है ,उसके मालिक ने उसे खरीद कर छोड़ दिया था , पिछले तीस साल से वहां कोई भी रहता नही था कभी कभार कोई एकाध घंटे के लिए आता था तो वहां का सुनसान वातावरण और हवेली के अंदर चलती सायं सायं ठंडी हवा लोगो के होश उड़ देते हैं,और वह लोग वहां त
जेबकतरी
संजना एक सुंदर और स्मार्ट लड़की है ,वह पढ़ने में भी तेज है और अभी उसने फर्स्ट ईयर कॉमर्स में कॉलेज ज्वाइन किया है ,उसका एक दोस्त है वेदांत जो उस से उम्र में दो साल छोटा है और उसे दीदी कह कर संबोधित करता रहता है , दोनो वैसे हैं लोअर मिडिल क्लास फैम
जेबकतरी
संजना एक सुंदर और स्मार्ट लड़की है ,वह पढ़ने में भी तेज है और अभी उसने फर्स्ट ईयर कॉमर्स में कॉलेज ज्वाइन किया है ,उसका एक दोस्त है वेदांत जो उस से उम्र में दो साल छोटा है और उसे दीदी कह कर संबोधित करता रहता है , दोनो वैसे हैं लोअर मिडिल क्लास फैम
सोरठी बृजभार
यह एक उत्तर भारत की प्रसिद्ध लोक कथा है ,इसी कथा से पति पत्नी का रिश्ता सात जन्म तक होता है कहा जाता है ,एक अप्सरा और गंधर्व की प्रेम कहानी है ,!!
सोरठी बृजभार
यह एक उत्तर भारत की प्रसिद्ध लोक कथा है ,इसी कथा से पति पत्नी का रिश्ता सात जन्म तक होता है कहा जाता है ,एक अप्सरा और गंधर्व की प्रेम कहानी है ,!!
बुरा आदमी
यह एक लघु कथा है , जो यह दर्शाता है कि इंसान जो दिखता है वैसा अंदर से भी होगा यह सही नहीं है, बुरा आदमी भी अंदर से अच्छा होता है,
बुरा आदमी
यह एक लघु कथा है , जो यह दर्शाता है कि इंसान जो दिखता है वैसा अंदर से भी होगा यह सही नहीं है, बुरा आदमी भी अंदर से अच्छा होता है,