16 अक्टूबर 2022
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*ऊँचाई*..के *गुमान*..में ना *दुखा*..जाना किसी *मासूम*..का *दिल*....~शोभा कुमारी❤️ D
अपने जीवन की दशा और दिशा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी आपके अपने हाथ ही रखें,न कि ये जिम्मेदारी किसी और के हाथ सौंप दें।❤️❤️✍शोभा कुमारी❤️
मेरे शब्द समझ में आये ना आये;कोई शिकायत नहीं,मेरे अपनों को और मेरे दोस्तों को;बस मौन समझ आ जाये।✍शोभा कुमारी❤️
~•❤️•~ मैं बहुत कम लोगों को अपना मानती हूँ और मानती भी हूँ तो इतना कि वो अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते कितना मानती हूँ। मेरे देने की कोई हद नहीं,कोई बंदिश नहीं,कोई सीमा नहीं,
ईश्वर तेरे दर पर ईक गुहार ले कर आई हूँ..किसी को मुझसा न बनाना यही फ़रियाद लाई हूँ..✍शोभा कुमारी❤️
आँखें न ख़्वाब देखना छोड़ती है,और न ही ज़िन्दगी उन्हें तोड़ना।दोनों में यही जंग जारी है,कौन किसपे कितना भारी है।जाने ये जंग कब तक को रुकें,इनके बीच पीस रहे जज़्बात तो हमारी है।✍शोभा कुमारी❤️
कब लौट आने को वो कह गया,कुछ तो बता जो दिल में रह गया,तेरी हँसी पे जो कभी मरता था,आज क्यों रोने को छोड़ गया,हल्की सी ही तो आँधी थी आई,वो अपने वादे से मुक़र गया,तुम वफ़ा उससे सीखने की कहते रहे,वो तुम्हें ह
व्यस्तता की गठरी लिए घूम रहे आपदो घड़ी भी ख़ाली कहाँ रहे आप,ग़र इसी को कहते हैं जीना,तो ख़ाक जी रहे आप। ✍शोभा कुमारी❤️