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"कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी, कुछ मुझे भी ख़राब होना था, अच्छी खासी चल रही थी जिंदगी, पर दोनों को यहाँ परेशान होना था l "

7 दिसम्बर 2021

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"कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी,
 कुछ मुझे भी ख़राब होना था,
 अच्छी खासी चल रही थी जिंदगी,
 पर दोनों को यहाँ परेशान होना था l "

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