shabd-logo

"कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी, कुछ मुझे भी ख़राब होना था, अच्छी खासी चल रही थी जिंदगी, पर दोनों को यहाँ परेशान होना था l "

7 दिसम्बर 2021

49 बार देखा गया 49
"कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी,
 कुछ मुझे भी ख़राब होना था,
 अच्छी खासी चल रही थी जिंदगी,
 पर दोनों को यहाँ परेशान होना था l "

7 दिसम्बर 2021

Rahul Singh Parihar

Rahul Singh Parihar

23 अप्रैल 2022

Thanks

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए