Ek chhoti si galti se badi gltiyo ki suruwat
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कभी सज़ा कराती थी रातें मेरी बस्ती में | खुदा को रास न आई मेरी रातें | खुदा ने उजाड़ दिया मेरी बस्ती को। अब नहीं सजती रातें मेरी बस्ती में |मैं रुका हुआ रुक सी गई मंज़िल |अब कहा किसी की तला
जब आप किसी के प्रेम में पड़े होते है तब आप उसमे आनंद खोज रहे होते है अगर आपको उससे आनंद की प्राप्ति हुए तो आप उसे खोने दूर जाने से डरते है अगर आप प्रेम में होते हुए आप अपने आप में प्रेम खोजे और अगर आपक