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राजीव रंजन सिंह की डायरी

राजीव रंजन सिंह

3 अध्याय
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rajiv ranjan singh ki dir

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पुस्तक के भाग

1

अधूरे सपने

21 जनवरी 2017
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वो नन्हीं आँखें,जो सपने देखने से पहले हीबन्द हो गयीं ।इस बात का मलाल है ।ऐसे भी कोई क़यामत ढाता है ??मेरा खुदा की ख़ुदाई पर सवाल है

2

अपना बिहार

21 जनवरी 2017
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मेरी नजरों से देखो यारकैसा है अपना ये बिहार,महाकवि(दिनकर) को जन्म दियाहिंदी को जिसने दिया प्यार,मातृभूमि को नमन करेंवैभवशाली अपना बिहार ।विश्वविद्यालय... जिस नालंदा नेदुनिया को तालीम दिया,जिस धरती से सिंचित पीपलने गौतम को बुद्ध किया,मधुबनी की चित्रकलाअनुपम है जिसका निखार,मातृभूमि को नमन करेंवैभवशाली

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माँ ...

21 जनवरी 2017
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1

इस जिंदगी ने जो दिया, वो तेरा ही वरदान हैमाँ...तू ही है पूजा मेरी, तू ही मेरा भगवान् है।||टेक||'माँ'पहले सोचा प्यारी माँ लिखूँलेकिनमाँ ने ही तो प्यार की परिभाषा गढ़ी है...फिर ये क्या 'माँ' को अलंकृत करेगा?प्यार का मतलब होता है...और 'माँ' में एहसास ❤️तुमने मुझे जीवन दियाऔर जीने का करीना भी।तुमने मुझे

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