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राष्ट्रवाद और नकली आजादी

11 जून 2015

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मेरे विचार में राष्ट्रवाद की जरूरत तबतक तो है जबतक मरी हुई कौम जिसने अपनी पहचान तक भुला दी हो.. और बाहरी आडम्बरों में फस कर दिन-बा-दिन अपने असली पहचान से दूर भागने लगें... क्योंकि आजादी मानसिक भी होनी चाहिए ...पर हम बस दिखावटी आजादी की तरफ भाग रहे है...ये कुछ ऐसा है कि आजादी के नाम पर हमें बहकाया जा रहा है नकली आजादी का दिखावटी चारा रखा हुआ है हमें फसाने के लिए ... जब तक ये नकली आजादी के चक्कर में लोग फंस रहे हैं तब तक तो राष्ट्रवाद की जरूरत है ... असली आजादी आपके अंदर से आनी है जब आप नकली आजादी का वो चारा जो आपको फंसाता है और असली आजादी में फर्क करना नही सीखते राष्ट्रवाद तबतक तो जरूरी है... एक बार आप सच के कंधे पर बैठ कर दुनिया में फैले आडंबरो और नकली आजादी जो आपकी कई पीढीयों को बंधन में डाल सकती है को समझने लगते है फिर इसके बाद राष्ट्रवाद की कोई जरूरत नही रह जाती...अब आप चलना सीख गये हो अब आपको राष्ट्रवाद की उंगली थामने की जरूरत नही रह जाती... जय हिंद..!

यशवंत लोधी की अन्य किताबें

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राष्ट्रवाद और नकली आजादी

11 जून 2015
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मेरे विचार में राष्ट्रवाद की जरूरत तबतक तो है जबतक मरी हुई कौम जिसने अपनी पहचान तक भुला दी हो.. और बाहरी आडम्बरों में फस कर दिन-बा-दिन अपने असली पहचान से दूर भागने लगें... क्योंकि आजादी मानसिक भी होनी चाहिए ...पर हम बस दिखावटी आजादी की तरफ भाग रहे है...ये कुछ ऐसा है कि आजादी के नाम पर हमें बहकाया जा

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सरकार और एन जी ओस् ?

11 जून 2015
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करीब 8000+ एन जी ओ पर मौजूदा सरकार की कार्यवाही .!!!! और साथ ही साथ उठ रहे सवालो मेरी छोटी सी राय... अधिकतर विदेशी पैसा जो एन जी ओस् के जरिए आते है उसका उपयोग धर्मांतरण , और ब्लैक मनी को व्हाइट किये जाने होता है.. और कौन सी गलत कार्यवाही की सरकार अगर फर्जी और धार्मिक अस्थिरता पैदा करने वाली संस्थाओ

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अभिप्रेरित करने वाली कहानी

11 जून 2015
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अभिप्रेरित करने वाली कहानी : जापान में हमेशा से ही मछलियाँ खाने का एक ज़रुरी हिस्सा रही हैं । और ये जितनी ताज़ी होतीं हैँ लोग उसे उतना ही पसंद करते हैं । लेकिन जापान के तटों के आस-पास इतनी मछलियाँ नहीं होतीं की उनसे लोगोँ की डिमांड पूरी की जा सके । नतीजतन मछुआरों को दूर समुंद्र में जाकर मछलियाँ पकड़नी

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