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तकलीफ जो मिली है उसको सरे राह जाहिर तो कर, बेवफा निकला है कोई तो उसे बेवफा साबित तो कर। यूँ ही कह देने से कोई बेवफा नही होता, छोटी छोटी बातों से कोई ख़फ़ा नही होता! वफ़ा तूने किसी और से की है ,यह जमाना जानता है, पर वफ़ा की कीमत किसी और से क्यों वसूलता है। रवि बगोटी "सरल"

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