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Richarudra Sahu की पुस्तकें

कहते हैं....

कहते हैं....

कहते हैं... जीवन का हर पल कुछ न कुछ सिखा जाता है... पर... क्या जिंदगी सीखने की प्रयोग शाला होती है? जिंदगी तो जीने के लिए मिलती है... हर पल सार्थक हो जरूरी नहीं.. कुछ बातें बिना वजह, बेमतलब होना भी जिंदगी है.. जैसे... दोस्तों के साथ बे

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कहते हैं....

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कहते हैं... जीवन का हर पल कुछ न कुछ सिखा जाता है... पर... क्या जिंदगी सीखने की प्रयोग शाला होती है? जिंदगी तो जीने के लिए मिलती है... हर पल सार्थक हो जरूरी नहीं.. कुछ बातें बिना वजह, बेमतलब होना भी जिंदगी है.. जैसे... दोस्तों के साथ बे

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एहसास....

एहसास....

बुरा नहीं लगता जब कोई उम्मीद ही न हो... बुरा तब लगता है जब कोई उम्मीद बँध के टूट जाती है... कोई मन मांगी मुराद मंजिल को छूकर लौट आती है..... ..... ⭐️.....

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एहसास....

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बुरा नहीं लगता जब कोई उम्मीद ही न हो... बुरा तब लगता है जब कोई उम्मीद बँध के टूट जाती है... कोई मन मांगी मुराद मंजिल को छूकर लौट आती है..... ..... ⭐️.....

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खुशियों का खजाना.....

खुशियों का खजाना.....

खुशियों का खजाना.... कुछ बंटा... कुछ गुमा... कुछ छूटा... कुछ जमाने ने लूटा.... खुशियों का खजाना.... पास था... जब कुछ अपनों का साथ था... कैसा बेखबर.... नादान था.... सहेज कर रख नहीं पाया इस बेजोड़ थाती को... इसके अनमोल मोतियों को मन मंजूषा में.... सुरक्

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खुशियों का खजाना.....

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खुशियों का खजाना.... कुछ बंटा... कुछ गुमा... कुछ छूटा... कुछ जमाने ने लूटा.... खुशियों का खजाना.... पास था... जब कुछ अपनों का साथ था... कैसा बेखबर.... नादान था.... सहेज कर रख नहीं पाया इस बेजोड़ थाती को... इसके अनमोल मोतियों को मन मंजूषा में.... सुरक्

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