कहते हैं...
दुनिया में कोई
यूँ ही महान नहीं बन जाता...
महान या महानायक
बनने के लिए.....
कठोर कष्ट सहना पड़ता है...
धारा के विपरीत
बहुत त्याग और संघर्ष कर
बहना पड़ता है...
अपूरणीय क्षति सहकर
आदर्श का मोल
चुकाना पड़ता है...
तब कहीं जाकर महानता का
दौर आता है....
वरना....
धारा की दिशा में तो
तिनका भी तैर जाता है......
🙏🙏🙏