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सादर नमस्कार , न जाने क्योंमेरे ह्रदय में यह सोचकर पीड़ा होती है कि कि आज कल क्यों हम भारतीय अपनी मात्र भाषा को भूलते जा रहे हैं| क्यों हम केवल और केवल अंग्रेजी पर ध्यान दे रहे हैं हम यह