shabd-logo

"हिमालय की ऋषि परंपरा का पुनर्जागरण"

28 नवम्बर 2015

773 बार देखा गया 773
featured image

धर्मेन्द्र प्रताप सिंह की अन्य किताबें

1

"हारिये न हिम्मत "

26 अक्टूबर 2015
0
1
1

दूसरों के छिद्र देखने से पहले अपने छिद्रों को टटोलो।किसी और कि बुराई करने से पहले यह देख लो कि हममें तो कोई बुराई नहीं है।यदि हो तो पहले उसे दूर करों। पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य |

2

जीवन साधना के सोपान- सदवाक्य पंडित श्री राम शर्मा आचार्य

27 अक्टूबर 2015
0
3
2

साधना का अर्थ है -आत्मानुशासन साधना का अर्थ है -अपने को अनगढ़ से सुगढ़ बनाना  

3

"सद्ज्ञान हमें दो माँ"

17 नवम्बर 2015
0
3
1

           सद्ज्ञान हमें दो माँ , विज्ञान हमें दो माँ ।            हो दूर अँधेरा जिससे ,दिनमान हमें दो माँ ॥ हम करें साधना मिलकर , संगठन शक्ति अपनाएँ ,हम ज्ञान मशालें लेकर , घर-घर में दीप जलाएँ ,जग की जड़ता हरने ,गुरु ज्ञान हमें दो माँ ।हो दूर अँधेरा जिससे ,दिनमान हमें दो माँ ॥            हम साधन शक्

4

"वेदों का दिव्य संदेश"

18 नवम्बर 2015
0
5
0

आदित्यसो अदितय: स्याम पूर्देवत्रा वसवो मत्यर्त्रा ।सनेम मित्रावरुणा सनन्तो भवेम द्यावापृथिवी भवन्तः ॥   - ऋग्वेद ७/५२/१ भावार्थ - मनुष्य को चाहिए कि वह सदैव विद्वानों के संपर्क में वास करे, सत्य एवं असत्य का विवेक भाव जाग्रत रखे । सूर्य और पृथ्वी के समान कल्याण करने वाला व्यक्ति ही महान कहलाने का अध

5

हिमालय की ऋषि परंपरा का पुनर्जागरण

28 नवम्बर 2015
0
0
0

6

"हिमालय की ऋषि परंपरा का पुनर्जागरण"

28 नवम्बर 2015
0
3
0

7

"हिमालय की ऋषि परंपरा का पुनर्जागरण"- पृष्ठ २

28 नवम्बर 2015
0
0
0

8

सदवाक्य

5 दिसम्बर 2015
0
3
0

9

एक प्रश्न -

5 दिसम्बर 2015
0
2
2

क्या भारत में राष्ट्रीय गान के समय बैठे व्यक्तियों से देश के सम्मान का मान रखने के लिए खड़े होने के लिए कहना असहिष्णुता होगी ?

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए