डा. सुनीता सिंह 'सुधा' शिक्षाविद ,कवयित्री व लेखिका वाराणसी
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ग़ज़लतेरी बेवफ़ाई से चर्चित हुए हमगली उस मुहल्ले अनाश्रित हुए हमनहीं मुक्त हो पा रहा दर्द दिल कान छोड़ेगा हमको सुनिश्चित हुए हमकहीं&
ग़ज़ल हम करें भली बातें चार अनुभवी बातें जब मिला करें हम तुम रोज हो नयी बातें मोहती रहीं मुझको शोख जादुई बातें हाँ लगी बहुत प्यारी आपकी गुनी बातें सींचती रही मन को दूध-सी धुली बातें सिर्फ ये