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साजन! होली आई है!

29 फरवरी 2016

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साजन! होली आई है!
सुख से हँसना
जी भर गाना
मस्ती से मन को बहलाना
पर्व हो गया आज-
साजन ! होली आई है!
हँसाने हमको आई है!

साजन! होली आई है!
इसी बहाने
क्षण भर गा लें
दुखमय जीवन को बहला लें
ले मस्ती की आग-
साजन! होली आई है!
जलाने जग को आई है!

साजन! होली आई है!
रंग उड़ाती
मधु बरसाती
कण-कण में यौवन बिखराती,
ऋतु वसंत का राज-
लेकर होली आई है!
जिलाने हमको आई है!

साजन ! होली आई है!
खूनी और बर्बर
लड़कर-मरकर-
मधकर नर-शोणित का सागर
पा न सका है आज-
सुधा वह हमने पाई है !
साजन! होली आई है!

साजन ! होली आई है !
यौवन की जय !
जीवन की लय!
गूँज रहा है मोहक मधुमय
उड़ते रंग-गुलाल
मस्ती जग में छाई है
साजन! होली आई है!

-फणीश्वर नाथ 'रेणु'

संकलन

संतोष आड़े  

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रचनाएँ
shodhprtibha
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हाँ मै साहित्य पर होने वाली समीक्षा का गठन करने का एक छोटासा प्रयास कर रहा हुँ
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साजन! होली आई है!सुख से हँसनाजी भर गानामस्ती से मन को बहलानापर्व हो गया आज-साजन ! होली आई है!हँसाने हमको आई है!साजन! होली आई है!इसी बहानेक्षण भर गा लेंदुखमय जीवन को बहला लेंले मस्ती की आग-साजन! होली आई है!जलाने जग को आई है!साजन! होली आई है!रंग उड़ातीमधु बरसातीकण-कण में यौवन बिखराती,ऋतु वसंत का राज-ल

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