नवगीत :
संजीव
*
न भूले हम तुम्हें
फिर याद कैसे
तुम्हारी हम करें
कोई बताये?
*
कहो क्या खुद को जानें
देख दर्पण?
कहो क्या खुद को कर दें
भोग अर्पण?
कहो क्या खुद में ही
संसार देखें?
अगर हाँ तो न क्यों हो
खुद का तर्पण?
न करते भूलकर हम
याद उसकी
कहे बिन सुख सभी
जिसने जुटाए
न भूले हम तुम्हें
फिर याद कैसे
तुम्हारी हम करें
कोई बताये?
*
उठायी एक अँगुली जब
किसी पर
उठी तीनों अँगुलियाँ तब
हमीं पर
न निज औकात देखी
की शिकायत
देव दोषी, न नापें
आसमां पर
हुए उपकार खुद पर
भूल जाते
किये कुछ अन्य पर
अहसां जताये
न भूले हम तुम्हें
फिर याद कैसे
तुम्हारी हम करें
कोई बताये?
*