नवगीत : संजीव
नवगीत :संजीव * न भूले हम तुम्हें फिर याद कैसे तुम्हारी हम करें कोई बताये?*कहो क्या खुद को जानें देख दर्पण?कहो क्या खुद को कर दें भोग अर्पण?कहो क्या खुद में ही संसार देखें?अगर हाँ तो न क्यों हो खुद का तर्पण?न करते भूलकर हम याद उसकी कहे बिन सुख सभी जिसने जुटाएन भूले हम तुम्हें फिर याद कैसे तुम्हारी हम