संस्कार कही से खरीदे नही जाते वो तो अपने घर से मिलते है अपने बडे बुजुर्गो सिखाते है पहले के समय मे संयुक्त परिवार हुआ करते थे तो सबलोग मिलकर रहा करते थे मां बाप दादा दादी भाई भतीजे सब मिलकर रहते थे तो उस समय मे संस्कारो मे कोई कमी नही होती थी बच्चो को भरपूर संस्कार मिलते थे लेकिन आधुनिक समय मे बच्चो के संस्कारो का लोप होता जा रहा है क्योकि आज के समय मे मां बाप को फुर्शत ही नही है कि वे बच्चो को संस्कार सिखाये आजकल तो संयुक्त परिवारो का भी लोप हो रहा मां बाप के बूढे होने पर पुत्र उन्हे अनाथ आश्रम मे फेक आते है अब कौन सिखाये बच्चो को संस्कार हा आजकल एक चीज है जहा बच्चे बोलने लायक हुये तो उन्हे स्मार्टफोन दे दिया जाता है बस उसी को चलाते है और अपना भविष्य बर्बाद कर लेते है इसमे उनका कोई दोष नही है दोष मां बाप का है मां बाप को चाहिए कि कुछ वक्त अपने बच्चो को भी दे और उन्हे अच्छी चीजे अच्छे संस्कार सिखाये तभी बच्चे आगे जाकर उन्नति करेंगे