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सत्य निष्ठा से आत्मनिर्भरता

9 नवम्बर 2021

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** सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता **

आत्मनिर्भरता है हर समस्या का  हल।
आत्मनिर्भर भारत है हर युवा का कल।।
          सत्य निष्ठा से आत्मनिर्भरता मतलब गांधी जी के विचारों के अनुसार भारत गांव का देश है आज से एक सदी पहले हिंद स्वराज्य मे  लिखे हैं महात्मा गांधी का जो सपना था आज वही सपना सरकार की आंखों में होना चाहिए। इसलिए गांव मे रहने वाले किसानों को ही सशक्त बना कर ग्रामीण परंपरागत व्यवसाय पर आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर भारत के विकास की तकदीर बदल सकते हैं। गांधी जी की लिखी पुस्तक ' स्वराज्य 'आधुनिक भारत के विकास का दस्तावेज है ।गांधीजी आर्थिक आत्मनिर्भरता को राजनैतिक स्वाधीनता की कुंज कहते थे ।राज्य तंत्र के आत्मनिर्भर होने का उद्देश्य लोकतंत्र के बहुसंख्यक किसानों और मजदूरों के आत्मनिर्भरता से ही मुमकिन है। उनके अनुसार उच्च गुणवत्ता का सामान देश में ही बनाकर देशवासियों को शुद्धता का विश्वास दिला कर स्वदेशी सामानों को अपनाने पर जोर देना है। न्यू इंडिया को लेकर जो सपने देखे जा रहे हैं उसमें आत्मनिर्भरता से रंग भरे जा सकते हैं।
     जब मिटता अज्ञानता का अधिकार ।
    तब लोग शुरू करते हैं अपना व्यापार ।।
                आत्मनिर्भर भारत का अर्थ है भारत में स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण कर देश को शीर्ष पर ले जाना है।इसका मतलब यह नहीं कि भारत उद्योगीकरण का रास्ता छोड देगा। 15 अगस्त 1920 में मोदी जी के संबोधन के  अनुसार आत्मनिर्भरता का मतलब दुनिया से कनेक्शन तोड़ देना नहीं है ।भारत के लिए मोदी जी का दृष्टिकोण आत्मनिर्भर मतलब बहिष्करण और अलगाववादी रवैया  नही है। दुनिया के समक्ष  प्रतिस्पर्धा करते हुए दुनिया की मदद करना है । महात्मा गांधी की इच्छा गांव को सशक्त करने की थी इसलिए मोदी जी ग्रामीण परंपरागत व्यवसाय पर आधारित अर्थ व्यव्स्था पर बल दिया ।वो कहते है भारत उस समय दरिद्र हो गया जब हमारे शहर विदेशी हो गये वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार ग्लोबल सप्लाई चेन और भरोसेमंद पार्टनर की तरह व्यापार चलता रहेगा ।उनके अनुसार देशवासियों को शुद्धता का विश्वास दिलाकर स्वदेशी अपनाने के लिए प्रोत्साहित  करना है ।भारत की संस्कृति और कला को देखकर पता चलता है भारत आरंभ से ही आत्म निर्भर है। लोकल सामग्री का उपयोग करना ही आत्मनिर्भरता का रूप  है। आत्मनिर्भरता हमें आत्मनिर्भरता में सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा। इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राण शक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी। मोदी जी उम्मीद करते है ।
दूध की नदियां नहीं छीर सागर होना है।।
खेतों को उर्वर होकर ,कुटीर उद्योग घर-घर होना है  ।
सिखाना जग को भाषा अपनी ,किसी का नौकर ना होना है ।।

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी जी ने 12 मई 2020 को निर्मल भारत अभियान शुरू किया था। इसका उद्देश्य भारत को समृद्ध और बेहतर राष्ट्र के साथ आत्मनिर्भर बनाना है। उनके अनुसार आत्मनिर्भर भारत का अभियान का उद्देश्य कोविड-19 के दुष्प्रभाव से लड़ना ही नहीं भारत का पुनर्निर्माण करना है। उनके अनुसार 20 लाख करोड़ का पैकेज 2020 में भारत के विकास में गति देगा। मोदी जी खादी उद्योग का जिक्र कर स्वदेशी उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी के मूल विचार 'हिंद स्वराज्य" को पुनर्जीवित करने का फैसला किया है। गुप्त सूत्रों के अनुसार मोदी जी का दृष्टिकोण आत्मनिर्भरता बहिष्करण और अलगाववादी नहीं है ।दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए दुनिया की मदद करना है ।स्वदेशी जागरण मंच के अनुसार कोरोना काल के बाद आर्थिक राष्ट्रवाद सभी देशो मे होगा ।  मोदी जी 'लोकल फॉर वोकल 'मतलब स्थानीय चीजों के बारे में ज्यादा जानकारी को बढ़ावा दे रहे हैं। मोदी के अनुसार आत्मनिर्भर के पांच स्तंभ अर्थव्यवस्था ,बुनियादी ढांचा ,प्रणाली, जीवंत लोकतंत्र ,आलोचक ,हैं ।चीन से स्पर्धा करने के लिए देश को बुनियादी सुविधा भूमि ,पानी और बिजली में सुधार जरूरी है ।डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ाना होगा ।कोविड-19 के बाद छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा ।मोदी जी 'मेक इन इंडिया 'मेड फॉर वर्ड का नारा दे रहे हैं। आत्मनिर्भरता ग्लोबल सप्लाई चैन में स्पर्धा के लिए देश को तैयार कर रही है। कोविड-19 के लिए विदेशों से आयात की जाने वाली सुविधा को भारत में ही उपलब्ध कराने के साथ तीन करोड़ मास्क सवा लाख लीटर सैनिटाइजर भारत में ही बनाए गए ।उनके अनुसार पिछले साल एफ*डी*आई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ कर 18% बढ़ोतरी की ।संयुक्त सुरक्षा परिषद में भारत को 192 में से 182 देशों का समर्थन मिला इससे पता चलता है विश्व का विश्वास भारत पर मजबूत हो गया है।कोविड काल से सीख लेकर मोदी जी 'नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन' से स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति लाने की कोशिश किए हैं। देश की 45% जनसंख्या गावों मे रहती है इसलिये किसानों की स्थिति सुधारने के लिए 4.22 लाख कृषि लोन दिए साथ ही राज्यों को इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के लिए 42 साल करोड़ की मदद किए ।लेबर कोड से न्यूनतम मजदूरी की व्यवस्था किए। भारत में बहुसंख्यको के आत्मनिर्भरता का आधार संसाधनों और अवसर के समान वितरण से ही संभव है।
    किसी भी देश की ताकत उसके आत्मनिर्भरता होने संभव है इसलिये भारत देश को आत्मनिर्भरता की राह पर चलकर ही सर्वशक्तिशाली देश बना सकते है।

आओ सब मिलकर एक साथ सौगंध खाएं। अपने भारत को हम आत्मनिर्भर बनाएं।।

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