![शब्द लिस्टिंग](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fusers%2F%25E0%25A4%25B6%25E0%25A4%25AC%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%259F%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2597_626f6c2ae2d72c79ac3dc1ba_1651469390018.jpg&w=384&q=75)
शब्द लिस्टिंग
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![दुमछल्ला](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fdumchllaa_%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B6%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%259C%25E0%25A5%2588%25E0%25A4%25A8_10086141_1652080268055.jpg&w=384&q=75)
दुमछल्ला
जब इंसान अंदर से टूटता है तो वो अपनी बात समझाने के तरीके ढूँढने लगता है । और जब अंदर भावनाओं का ज्वार उठ रहा हो और सुनने वाला कोई न हो, तो वो खुद के लिए फैसलें लेता है । बेशक वो समाज की मान्यताओं में सही न हो लेकिन वो फिर भी अपने हक़ में फैसलें लेता ह
![दुमछल्ला](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fdumchllaa_%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B6%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%259C%25E0%25A5%2588%25E0%25A4%25A8_10086141_1652080268055.jpg&w=256&q=75)
दुमछल्ला
जब इंसान अंदर से टूटता है तो वो अपनी बात समझाने के तरीके ढूँढने लगता है । और जब अंदर भावनाओं का ज्वार उठ रहा हो और सुनने वाला कोई न हो, तो वो खुद के लिए फैसलें लेता है । बेशक वो समाज की मान्यताओं में सही न हो लेकिन वो फिर भी अपने हक़ में फैसलें लेता ह
![शोर... अंतर्मन का कोलाहल](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fshor...aNtrmnkaakolaahl_%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B6%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%259C%25E0%25A5%2588%25E0%25A4%25A8_10086142_1652080506444.jpg&w=384&q=75)
शोर... अंतर्मन का कोलाहल
शोर... अंतर्मन का कोलाहल या कहें की शून्यता, बाहर की अव्यवस्थित व्यवस्था से अलग, चिंतित मन का व्यथित लेकिन व्यवस्थित सुर है जो किसी भी इंसान को जीने की वजह भी देता है और जीने का उद्देश्य भी लेकिन आख़िर यह शोर पनपता ही क्यूँ है? कौन सही है, कौन गलत? कौ
![शोर... अंतर्मन का कोलाहल](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fshor...aNtrmnkaakolaahl_%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B6%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4%25E0%25A4%259C%25E0%25A5%2588%25E0%25A4%25A8_10086142_1652080506444.jpg&w=256&q=75)
शोर... अंतर्मन का कोलाहल
शोर... अंतर्मन का कोलाहल या कहें की शून्यता, बाहर की अव्यवस्थित व्यवस्था से अलग, चिंतित मन का व्यथित लेकिन व्यवस्थित सुर है जो किसी भी इंसान को जीने की वजह भी देता है और जीने का उद्देश्य भी लेकिन आख़िर यह शोर पनपता ही क्यूँ है? कौन सही है, कौन गलत? कौ
![मन के मंजीरे](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2FmnkemNjiire_%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AD%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BE%25E2%2580%2598%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580%25E2%2580%2599_10086054_1651906657842.jpg&w=384&q=75)
मन के मंजीरे
‘‘ठिठुरते जाड़े में, तेरे प्रेम की गरमाहट से,सूफ़ी क़लंदर के तन पर लिपटी, मोटी सूती चादर से,हमारी फ़क़ीरी के आलम में, इश्क़ की नवाबी शान से,संजीदा उमरों के बीच, दिल की शोख़ नादानियों सेतेरे कांधे पर रखे सर से, मिलने वाली राहत से,तेरे हौसले, भरोसे और अपनेपन
![मन के मंजीरे](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2FmnkemNjiire_%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AD%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BE%25E2%2580%2598%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580%25E2%2580%2599_10086054_1651906657842.jpg&w=256&q=75)
मन के मंजीरे
‘‘ठिठुरते जाड़े में, तेरे प्रेम की गरमाहट से,सूफ़ी क़लंदर के तन पर लिपटी, मोटी सूती चादर से,हमारी फ़क़ीरी के आलम में, इश्क़ की नवाबी शान से,संजीदा उमरों के बीच, दिल की शोख़ नादानियों सेतेरे कांधे पर रखे सर से, मिलने वाली राहत से,तेरे हौसले, भरोसे और अपनेपन
![वापसी इम्पॉसिबल](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2FvaapsiiimpoNsibl_%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2598%25E0%25A4%25B2_10086079_1651927937610.jpg&w=384&q=75)
वापसी इम्पॉसिबल
ऑनलाइन हो चुकी दुनिया में जब सोशल मीडिया के आभासी मोह में पँसा हर दूसरा इन्सान यह सोचने लगा है कि ‘प्यार-व्यार झमेला है, कुछ दिनों का खेला है' तब अचानक सच्चा प्यार दिल के किसी काने में घर बसा लेता है। कभी पहचान लिया जाता है तो कभी पहचान कर भी मजबूरिय
![वापसी इम्पॉसिबल](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2FvaapsiiimpoNsibl_%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2598%25E0%25A4%25B2_10086079_1651927937610.jpg&w=256&q=75)
वापसी इम्पॉसिबल
ऑनलाइन हो चुकी दुनिया में जब सोशल मीडिया के आभासी मोह में पँसा हर दूसरा इन्सान यह सोचने लगा है कि ‘प्यार-व्यार झमेला है, कुछ दिनों का खेला है' तब अचानक सच्चा प्यार दिल के किसी काने में घर बसा लेता है। कभी पहचान लिया जाता है तो कभी पहचान कर भी मजबूरिय
![लेटलतीफ़ लव](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Flettltiiflv_%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2598%25E0%25A4%25B2_10086077_1651926461438.jpg&w=384&q=75)
लेटलतीफ़ लव
लेटलतीफ़ लव कहानी है एक ऐसे 60 वर्षीय अधेड़ की, जिसे दुनिया सिरे से ही भ्रम पूर्ण प्रतीत होती थी। वह पेशे से डॉक्टर था, वह भी दिल का परंतु दिल के इमोशंस से गैर वाकिफ । वह हमेशा अपने पेशेंट से घिरा रहता था और कईयों की जिंदगियां उसकी वजह से ही गुलजार थी
![लेटलतीफ़ लव](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Flettltiiflv_%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2598%25E0%25A4%25B2_10086077_1651926461438.jpg&w=256&q=75)
लेटलतीफ़ लव
लेटलतीफ़ लव कहानी है एक ऐसे 60 वर्षीय अधेड़ की, जिसे दुनिया सिरे से ही भ्रम पूर्ण प्रतीत होती थी। वह पेशे से डॉक्टर था, वह भी दिल का परंतु दिल के इमोशंस से गैर वाकिफ । वह हमेशा अपने पेशेंट से घिरा रहता था और कईयों की जिंदगियां उसकी वजह से ही गुलजार थी
![उफ़्फ़ कोलकाता](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fuph%2527ph%2527kolkaataa_%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25B5%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B8_10085905_1651650894035.jpg&w=384&q=75)
उफ़्फ़ कोलकाता
‘उफ़्फ़ कोलकाता’ हिंदी भाषा की पहली हॉरर कॉमेडी कही जा सकती है। इस लिहाज़ से यह एक पहल भी है। कोलकाता के बाहरी भाग में फैले एक विश्वविद्यालय का हॉस्टल, उपन्यास के मुख्य किरदारों की ग़लती से अभिशप्त हो जाता है। एक आत्मा जो अब हॉस्टल में है, बच्चों को परे
![उफ़्फ़ कोलकाता](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fuph%2527ph%2527kolkaataa_%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25B5%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B8_10085905_1651650894035.jpg&w=256&q=75)
उफ़्फ़ कोलकाता
‘उफ़्फ़ कोलकाता’ हिंदी भाषा की पहली हॉरर कॉमेडी कही जा सकती है। इस लिहाज़ से यह एक पहल भी है। कोलकाता के बाहरी भाग में फैले एक विश्वविद्यालय का हॉस्टल, उपन्यास के मुख्य किरदारों की ग़लती से अभिशप्त हो जाता है। एक आत्मा जो अब हॉस्टल में है, बच्चों को परे
![शब्द लिस्टिंग की डायरी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
![शब्द लिस्टिंग की डायरी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
![जनता स्टोर](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fjntaasttor_%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25B5%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%259A%25E0%25A5%258C%25E0%25A4%25A7%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2580_10086006_1651828324788.jpg&w=384&q=75)
जनता स्टोर
नब्बे का दशक सामाजिक और राजनीतिक मूल्यों के लिए इस मायने में निर्णायक साबित हुआ कि अब तक के कई भीतरी विधि-निषेध इस दौर में आकर अपना असर अन्तत: खो बैठे। जीवन के दैनिक क्रियाकलाप में उनकी उपयोगिता को सन्दिग्ध पहले से ही महसूस किया जा रहा था लेकिन अब आक
![जनता स्टोर](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fjntaasttor_%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25B5%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%259A%25E0%25A5%258C%25E0%25A4%25A7%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2580_10086006_1651828324788.jpg&w=256&q=75)
जनता स्टोर
नब्बे का दशक सामाजिक और राजनीतिक मूल्यों के लिए इस मायने में निर्णायक साबित हुआ कि अब तक के कई भीतरी विधि-निषेध इस दौर में आकर अपना असर अन्तत: खो बैठे। जीवन के दैनिक क्रियाकलाप में उनकी उपयोगिता को सन्दिग्ध पहले से ही महसूस किया जा रहा था लेकिन अब आक
![बियर टेबल](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fbiyrttebl_%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2598%25E0%25A4%25B2_10086078_1651927626540.jpg&w=384&q=75)
बियर टेबल
लेखन को प्रयोगशाला की तरह लेकर चलने वाली लेखिका के लिए ‘लेट लतीफ लव’ जैसे बहुचर्चित इरॉटिक उपन्यास के बाद ‘बियर टेबल’ को लिखना फिर से एक नए छोर को पकड़ने की तैयारी है। इन कहानियों में आपको सस्पेंस व भावुकता के समावेश के साथ प्रेम का तड़का मिलेगा। इसकी
![बियर टेबल](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fbiyrttebl_%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%2598%25E0%25A4%25B2_10086078_1651927626540.jpg&w=256&q=75)
बियर टेबल
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