इन लेखों में जीवन की आंच भी है और आस भी कि स्वयं नारी अपने प्रति होते हुए अत्याचारों और शोषण का रुख बदलेगी.. पुस्तक में सिर्फ महिलाओं पर किये जा रहे अत्याचारों और हिंसा का उल्लेख्य है, उन्होंने कहीं भी कामयाबी की सीढ़िया चढ़ रही महिलाओं का जिक्र नही किया। इस पुस्तक को पढ़कर हर औरत/लड़की अपने आप को "रिलेट" कर पाएगी क्योंकि हर महिला ने अपने जीवन में उन चीज़ों का अनुभव किया होगा।
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