अदना सा कवि, तुच्छ लेखक, निराधार विचारक और एक साधारण किन्तु खुद्दार व्यक्तित्व का मालिक हूँ ।अपने बारे में सिर्फ इतना कहूँगा कि खाइयों में गहराईयाँ, नदियों में धारायेँ, सागर में लहरेँ और आसमान में बादल सीमित हो सकते हैँ लेकिन...लेकिन मैँ कभी नहीँ क्यूँकी मै सख्स हूँ खुले आसमान सा बेशक असीमित !
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