25 अक्टूबर 2021
गुजर रहा ये दौर कैसा
ना जिंदगी, ना मौत हैं
चारों तरफ हैं, घना अंधेरा
फिर भी जीने का शौक है
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<p>गुजर रहा ये दौर कैसा</p> <p>ना जिंदगी, ना मौत हैं</p> <p>चारों तरफ हैं, घना अंधेरा</p> <p>फिर भी