Ek Anokha Rishta
एक अनोखा रिश्ताज़िन्दगी के एक मोड़ पर कुछ रुका, और मूड कर देखाकुछ धुन्दली यादो का तस्सव्वुर सा दिखा |धुन्द के बीच एक चेहरा सा दिखा, कोई अपना सा और करीबी सा दिखायादों गहरी होती गयी, और तस्वीर साफ सीकोई दिखा || जो कभी उंगली पकड़ कर चलाता था त