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<p>वह जीवन भी क्या जीवन है, </p> <p>जिस जीवन में कोई सार नहीं।</p> <p>वह वीणा भी क्या वीणा है,&
<p>यहाँ ठगी का है बाजार सजा, सब मस्त हुऐ हैं ठगने में।</p> <p>सब के रस्ते हैं अलग-अलग, पर मस्त हैं स