shabd-logo

सुख और दुःख क्या है

14 मार्च 2015

776 बार देखा गया 776
सुख के माथे सिल पड़े जो हरी हिरदिये से जाय ...... बलिहारी व दुःख की जो पल पल नाम जपाये ......... जय श्री राधेश्याम
1

हमारी अपनी गलती और अपना नुकसान

26 जनवरी 2015
0
1
1

हमारा भारत देश संसार का सबसे अच्छा देश है | लेकिन कुछ चंद लोगो ने इस देश को बहुत पीछे कर किया है | देश तब पीछे होता है जब उस देश में धर्म , संस्कृति , भाषा और मानवता का नाश होता है | आज हमें ऎसे साधन उपलब्ध करा दिए गए हैं जो हमें गलत दिशा में लिए जा रहे हैं | इनमे से ही एक है हिंदुस्तान की फिल्म इं

2

कृष्णा के दीवाने

14 मार्च 2015
0
1
0

पुनरपी जननं पुनरपी मरणनम पुनरपी जननी जठहरे सयनम ? अर्थ - बार बार जनम लेना, बार बार मरना, बार बार माता के गर्वे में आना. इसलिए तो इंसान की उत्पत्ति नहीं हुई है. मात्र इंसान योनि में ही मनुसिये मोक्स प्राप्त कर सकता ही वार्ना यही भटकता रहेगा बेचारा जीव आत्मा.

3

सुख और दुःख क्या है

14 मार्च 2015
0
1
0

सुख के माथे सिल पड़े जो हरी हिरदिये से जाय ...... बलिहारी व दुःख की जो पल पल नाम जपाये ......... जय श्री राधेश्याम

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए