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सुनील प्रसाद शाहाबादी के बारे में

मेरे बारे जो राय आपकी,मेरे बारे जो राय आपकी,मेरे बारे जो राय आपकी,मेरे बारे जो राय आपकी

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सुनील प्रसाद शाहाबादी की पुस्तकें

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सुनील प्रसाद शाहाबादी के लेख

बिहारी छंद पर आधारित भजन

15 अक्टूबर 2015
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वाचिक मापनी221__1221__1221__122--------------------------------------हे कृष्ण मिले मोक्ष हृदय जोत जलाओ।नित नाम जपूं मान तजूँ सार समाओ।1।----------तूफान खड़ा राह असह पीर बढ़ी अब,हूँ हार पड़ा द्वार चरण दास बनाओ।2।----------मझधार पड़ी नाव फटे पाल दयाला,दो आप वरद हस्त मुझे पार लगाओ।3।-----------सम्हाल र

एक गीतिका

14 अक्टूबर 2015
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गीतिकाआधार छंद-बिहारीवाचिक मापनी-221__1221__1221__122समांत-आओ___पदांत-अपदांत~~~~~~~~~~~~~~~~दिलदार दबे आँख गजब तीर चलाओ।अरमान बने खार चुभे यूँ न सताओ। ~~~~~(1)बरसात हरे बाग खिले फूल कली भी,अनुराग जगे प्यास बढ़े प्रीत निभाओ।~~~~~(2)मन मोह विहग बृन्द उड़े पाँख पसारे।आकाश सजे मेघ आज नैन लड़ाओ।~~~~~(3)य

ग़ज़ल

19 जून 2015
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बहरे खफ़ीफ़ मुसद्दस मखबून मात्रा- 2122 1212 22 विधा-गीतिका समांत-(आ ) पदांत-(दे दो) *

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