स्वार्थ को हम किस तरह से परिभासित कर सकते है हम कब आर कैसे किन अवस्थाओ मैं स्वार्थ रहित होते है जहा तक मेरी बात है तो मुझे तो हर कार्य मैं स्वार्थ ही नजर आता है कही काम तो कही ज्यादा अगर हम अपने माँ - बाप की सुख सविधाओं का भी ध्यान रखते तो बस इस लिए कि वो हमारे जन्मदाता है और उन्हें सुखी देखकर हम खुद को संतुस्ट महसूस करते है