shabd-logo

common.aboutWriter

Other Language Profiles
no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

Love Jihad

Love Jihad

मैं पागलों की तरह उसे देख रही थी। उसके लब्ज़ कानों में गूँज रहे थे और जबान सच में मुझेहाँह में चिपक गई थी। शादी को एक दिन भी पूरा नहीं हुआ था और झुबेर से ऐसा कुछ सुनने को मिलेगा, मैं सोच भी नहीं सकती थी। मुझे तो क था कि झुबेर कभी भी मेरा दिल नहीं दुखा

0 common.readCount
0 common.articles
common.personBought

प्रिंट बुक:

150/-

Love Jihad

Love Jihad

मैं पागलों की तरह उसे देख रही थी। उसके लब्ज़ कानों में गूँज रहे थे और जबान सच में मुझेहाँह में चिपक गई थी। शादी को एक दिन भी पूरा नहीं हुआ था और झुबेर से ऐसा कुछ सुनने को मिलेगा, मैं सोच भी नहीं सकती थी। मुझे तो क था कि झुबेर कभी भी मेरा दिल नहीं दुखा

0 common.readCount
0 common.articles
common.personBought

प्रिंट बुक:

150/-

common.kelekh

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए