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अरे बेटा जल्दी से उठो, देखो कितना दिन चढ़ आया है। क्या मां आप भी रोज सुबह मुझे ही क्यों परेशान करने आ जाते हो! "दीदी को पहृले जागया करो, फिर मुझे उठने आया करो । अभिजीत ने तकिए में मुंह नीचे करत
अभय ने अपने घर परिवार में सभी को आभा के बारे में बता दिया, मां ने कहा देखो! ध्यान से मेरी बात सुनो! "अभय वह शहर की रहने वाली है क्या गांव में वह निर्वाह कर पाएगी! "ऐसा तो नहीं होगा, कि वह तुम्हे
जयप्रकाश मिश्रा जी जीवन के सतर बसंत देख चुके थे,,, चारों बेटों की शिक्षा और विवाह की जिम्मेदारियों से मुक्त हो चुके थे! बेटो को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने विदेशों में पढ़ने भेजा! जिससे वहीं पर&nb