मैं शरण आई हूँ माँ , मैं शरण आई हूँ माँ ।
मुझकों तू दान में दे , विद्या कि पोटली माँ ।
ओ वाग्वादिनी माँ , ओ वाग्वादिनी माँ।
तुम पर ही है भरोसा , तुम ही हो आसरा माँ ।
नफरत न हो किसी से , बस लक्ष्य प्रीति हो माँ ।
मन में रहे न छल ही , हमसे कपट न हो माँ ।
हाथों से पाप हो न , ऐसा आशीष दो माँ ।
ओ वाग्वादिनी माँ , ओ वाग्वादिनी माँ ।
सब हो कुटुम्ब मेरा, परिवार साथ हो माँ ।
जितने भी जन्म लूं मै , माँ बाप यही हो माँ ।
सब आश में खड़े हैं , कल्याण तुम करो माँ ।
ओ वाग्वादिनी माँ , ओ ...