वंदन वसंत,
वंदन वसंत ,
हे वीणावादिनि के वसंत ।
ज्ञानोदय का अभिनव प्रभात ,
हेजन जन जीवन में रहा बिखर,
आलोकित व्योम ,धरा,कण कण,
मदमाती पवन बहती निर्झर ,
तुझसे वसुधा का तिमिर अंत ।
हे वीणावादिनि.....
तेरी वीणा सुर लहरी से,
प्रस्फुटित प्राकृतिक नया साल,
आचछादित सुमन जड़ित आँचल,
बौराये तरूवर,तट,तमाल,
है पीत छँटा छाई दिगँत ।
हे वीणावादिनि.......
सतरंगी वातावरण मुदित,
करता किसलय से अभिनन्दन ,
पद्मासन श्वेत धवल धारिणि,
हे बुदधिपृदा ! कोटिश: नमन ,
तेरा आराधन युग युगंँत ।।
वंदन वसंत, वंदन वसंत,
हे वीणावादिनि हे वसंत ।।