एक बार मैं अपने बाबा जी के अंतिम संस्कार की क्रिया मे गंगा किनारे था । ठीक उसी समय एक परिवार मे एक बालक का मुंडन संस्कार हो रहा था । मैंने अपने
पिता से बोला देखिये एक जिंदगी की इस दुनिया से बिदाइ , और एक नई जिंदगी की शुरुआत ।
क्या हर दिन ऐसा ही होता है ............!!!!!!!!!