विकास वशिष्ठ
विकास वशिष्ठ पत्रकारिता और अनुवाद से जुड़े रहे हैं। वे विभिन्न अखबारों और न्यू मीडिया में समसामयिक विषयों पर लिखते रहे हैं। 'स्माइली वाली लड़की' उनका पहला उपन्यास है। वनमाली कथा के विशेष अंक में उनकी पहली कहानी प्रकाशित हुई है। गोल्ड मेडलिस्ट और संस्कृत में ग्रेजुएशन के लिए यूजीसी रैंक होल्डर फैलोशिप, विकास ने संस्कृत और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
स्माइली वाली लड़की
इस अफ़साने को लिखने की एक वजह यह भी रही कि मुझे स्माइलियों की भाषा बहुत रोचक जान पड़ी थी। मेरी एक चिंता यह भी थी कि इसके साथ हमारे शब्द, उनमें छुपे एहसास, एहसासों को ज़ाहिर करने के इंसानी तौर-तरीक़े, इंसान का अपना शब्दकोश, ये सब मर तो नहीं रहे हैं। म
स्माइली वाली लड़की
इस अफ़साने को लिखने की एक वजह यह भी रही कि मुझे स्माइलियों की भाषा बहुत रोचक जान पड़ी थी। मेरी एक चिंता यह भी थी कि इसके साथ हमारे शब्द, उनमें छुपे एहसास, एहसासों को ज़ाहिर करने के इंसानी तौर-तरीक़े, इंसान का अपना शब्दकोश, ये सब मर तो नहीं रहे हैं। म