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Vimal Shukla की डायरी

Vimal Shukla

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vimal shukla ki diary

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पुस्तक के भाग

1

तृप्ति

24 दिसम्बर 2017
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चाय में शक्कर नहीं डाला करो,मुस्कुराकर सामने प्याला करो।अक्स तेरा दे रहा है तृप्ति जबक्या जरूरी दूध भी डाला करो।

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भगवान

14 फरवरी 2018
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बच्चे भगवान तुम भगवान के पिताजी,ऊँची कैंटीन की बेकार पावभाजी।पानी बेभाव सागर बगल में दहाड़े,जिह्वा है ऐंठती क्या खूब जालसाजी।माना बलवान हो है पूँछ भी तुम्हारी,रावण के बन्धुगण देने को आग राजी।सोंचो शैतान आखिर चीख क्यों पड़ा है?उसके व्यवसाय पर भगवान है फ

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चुनावी समर

11 जनवरी 2019
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इस चुनावी समर का हथियार नया है। खत्म करना था मगर विस्तार किया है। जिन्न आरक्षण का एक दिन जाएगा निगल, फिलहाल इसने सबपे जादू झार दिया है। अब लगा सवर्ण को भी तुष्ट होना चाहिए। न्याय की सद्भावना को पुष्ट होना चाहिए। घूम फिर कर हम वहीं आते हैं बार बार, सँख्यानुसार पदों को संतु

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