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हर पल हलचल

17 सितम्बर 2020
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भूमिका:-प्रस्तुत कविता में जीवन के विभिन्न रूपों व पारिस्थितियों को, समय के माध्यम से समेटने की कोशिश रही है। साथ ही पाठक को यह दर्शाने का प्रयासहै कि नकारात्मक हालात जीवन का ही अंग हैं,अतः इनसे चिंतित न हो। अंत तक मानसिकता कोसकारात्मक बनाए रखने की कोशिश ही एक दिन सफलता दिलाएगी।हर पल, हलचलVIMAL KISH

जाति या मानसिकता?

17 सितम्बर 2020
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जाती या मानसिकता © Vimal Kishore; September 2020 जाति या मानसिकता ? सबसे पहले तो मैं ये साफ कर देना चाहता हूँ कि इस लेखको पढ़ने से पहले जातिगत मानसिकता, वर्गीय विचारधारा या कोई भी जातिसूचक शब्द, अपने मस्तिष्क से अलग निकाल कर रखदें, क्योंकि मेरा इस लेख को लिखने काअभिप्रयाय ही इस भावना से प्रेरित है क

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