कच्ची डोरों से बंधे रिश्तो की होती बस इक ही आश है
जीवन के हर एक रिश्ते में होती विश्वास की ही तलाश है
पर न जाने क्यों,
फरेबों की इस दुनिया में फरेबियों पे ही करते सब विश्वास है
और गर कराए जो कोई उन्हें इन बातों से अवगत,
समझ इन बातों को ही बेफिजूल
कह जाते कि किया हमने ही उनसे विश्वासघात है।