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अरविन्द जनार्दन लोंढे (योगारविंद ), योगारविन्द सेवा संघ, नागपुर (महाराष्ट्र)

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सम्पूर्ण स्वास्थ्य योग - निरोगी आनंदमयी दीर्घ जीवन जियेँ #आयुर्वेद #योग

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<p><strong>सम्पूर्ण स्वास्थ्य योग -&nbsp;</strong><span style="line-height: 1.42857;">निरोगी आनंदमयी दीर्घ जीवन जियेँ&nbsp;<a href="/Tag/Hash/aayurved">#आयुर्वेद&nbsp;</a><a href="/Tag/Hash/yog">#योग&nbsp;</a></span></p><br>

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काले-लंबे घने बाल (हृर्ली के बालों की वृद्धिए सफेद बाल रोकना, बालों §ýह्न झडÂह्नह्नएरोकना, रूसी डेन्ड्रफ)

19 जुलाई 2016
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काले-लंबे घने बाल (हृर्ली के बालों की वृद्धिए सफेद बाल रोकना, बालों §ýह्न झडÂह्नह्नएरोकना, रूसी डेन्ड्रफ) योगोपचार:-जलधौती, उषःपान, शीतली, सित्कारी, चंद्रस्वर से भस्त्रिका, भूजंगासन, शलभासन, विपरीतकरणी, सर्वांगासन, मत्स्यासन, शशांकासन, सूर्यनमस्कार, शीर्षासन, कपालभाति, भ्रामरी, अनुलोम-विलोम, ओंकार स

मोटापा ( मेदवृध्दि ) Obesity or Corpulence :-

19 जुलाई 2016
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मोटापा ( मेदवृध्दि )  योगोपचार:-जलधौती, कपालभाती, अनुलोम-विलोमए सूर्यभेदनए भस्त्रिका अग्निसार क्रिया, शरीर संचलन, सूर्यनमस्कार, ताडासन, पवनमुक्तासन,उष्ट्रासन, हलासन, चक्रासन, शलभासन, नौकासन ( विशेष ), धनुरासन, योगमुद्रा, पश्चिमोत्तानासन (विशेष), जानुशिरासन,बध्दपद्मासन, हस्तपादांगुष्ठासनए साधा-सात्वि

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19 जुलाई 2016
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आहार शास्त्र के नियम - 3 -

4 जुलाई 2016
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आहार की व्याख्याए कार्य व महत्व        निरोगत्व व आहार का परस्पर संबंध ध्यान में आने के बाद आहार का अर्थ और उसका महत्व देखते हैं। चरकसंहिता में निरोगत्व यह नियोजित आहार, शांत निद्रा एवं संयम इन तीन बिंदुओं पर आधारित है ऐसा कहा गया है। हम जब आहार का विचार करते हैं तब निरोगत्व के केवल एक ही अंग को देख

आहार के सर्वसाधारण नियम

23 जून 2016
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        हमारा भारत 6000 वर्षों की अखंडीत, दिव्य एवं भव्य संस्कृति से ओतप्रोत रहा है। यहाॅं पर ऋषी-मुनियों की अगणित पीणियों ने अविश्रांत चिंतन, मनन, अभ्यास तथा विभिन्न प्रयोग कर सुखी एवं निरामय जीवन संबंधी कुछ अनुभवसिद्ध सिद्धांत प्रतिपादित किए हैं। निरोगी जीवन जीने हेतु नियमों के साथ ही साथ रोगी-जीव

आधुनिक चिकित्साशास्त्र (मॉडर्न मेडिकल साइंसेज) में प्रमुखता से रोग होने के बाद की चिकित्सा "आहार शास्त्र"

20 जून 2016
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समाधानाय सौख्याय नीरोगत्वाय जीवने ।योगमेवाभ्यसेत प्राज्ञः यथा शक्ति निरंतरम्।।आधुनिकचिकित्साशास्त्र (मॉडर्न मेडिकल साइंसेज) में प्रमुखता से रोग होने के बाद की चिकित्सा (उपाय योजना ) विस्तृत रूप से दिखती है। जबकी हमारे चिकित्सा शास्त्र में सर्वप्रथम रोग हो ही नहीं इस संबंध में नियम मिमांसा विस्तृत रू

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