बीटल्स ने 1 जून 1967 को सर्जेन्ट पेपर्स लोनली हार्ट्स क्लब बैंड एलबम रिलीज़ किया। यह तुरंत सफल हो गया... वाणिज्यिक और आलो चनात्मक सफलता के शिखर पर पहुँच गया। यह एलबम इंग्लैंड में एलबम चार्ट के शिखर पर 27 सप्ताह रहा और अमेरिका में 15 सप्ताह तक नंबर वन रहा। टाइममैग्ज़ीन ने सर्जेन्ट पेपर्सको 'संगीत की प्रगति में एक ऐतिहासिक मोड़' कहा था। इसने 1968 में चार ग्रैमी अवार्ड्स जीते, साथ ही एलबम ऑफ़ द इयर भी जीता - यह सम्मान पाने वाला यह पहला रॉक एलबम था।
रिच डैड पुअर डैड मेरे 50वें जन्मदिन पर 8 अप्रैल 1997 को रिलीज़ हुई थी। द बीटल्स कहानी के विपरीत यह पुस्तक तुरंत सफल नहीं हुई। ना तो वाणिज्यिक दृष्टि से, ना ही आलोचनात्मक दृष्टि से वास्तव में, पुस्तक के प्रकाशन और इसके बाद उठे आलोचना के तूफ़ान इसके एकदम विपरीत थे।
रिच डैड पुअर डैड को मूलतः स्वयं प्रकाशित किया गया था, क्योंकि हम जिस भी पुस्तक प्रकाशक के पास गए, हर एक ने मेरी पुस्तक को ठुकरा दिया। अस्वीकृति के कुछ पत्रों में इस तरह की टिप्पणियाँ थीं, "आप यह नहीं जानते कि आप किस बारे में बात कर रहे हैं।" मैंने सीखा कि ज्यादातर प्रकाशक मेरे अमीर डैडी के बजाय मेरे उच्च शिक्षित ग़रीब डैडी की तरह अधिक थे। ज्यादातर प्रकाशक पैसे के बारे में मेरे अमीर डैडी के सबक़ों से सहमत नहीं थे... मेरे ग़रीब डैडी की तरह।
बीस साल बाद
1997 में रिच डैड पुअर डैड एक चेतावनी थी, भविष्य के बारे में सबक़ों की पुस्तक।
बीस साल बाद संसार के करोड़ों लोग मेरे अमीर डैडी की भविष्य के बारे में चेतावनियों और सबक़ों के बारे में ज्यादा जागरूक हो चुके हैं। 20/20 दूरदर्शिता के साथ कई लोगों ने कहा है कि उनके सबक़ भविष्यदर्शी थे.... भविष्यवाणियाँ सच हो गईं। इनमें से कुछ सबक़ ये हैं
अमीर डैडी का सबक़ # 1 : " अमीर लोग पैसे के लिए काम नहीं करते। "
बीस साल पहले कई प्रकाशकों ने मेरी पुस्तक को अस्वीकार कर दिया था, क्योंकि वे अमीर डैडी के पहले सबक़ से सहमत नहीं थे। आज लोग अमीरों और बाक़ी हर व्यक्ति के बीच की बढ़ती खाई के बारे में ज्यादा जागरूक हैं। 1993 और 2010 के बीच अमेरिका की राष्ट्रीय आमदनी में 50 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि सबसे दौलतमंद एक प्रतिशत लोगों के पास गई। तब से स्थितियाँ बढ़तर ही हुई हैं। यूनिव- र्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया के अर्थशास्त्रियों ने पाया है कि 2009 और 2012 के बीच 95 प्रतिशत आय उन्हीं सबसे दौलतमंद एक प्रतिशत व्यक्तियों के पास गई।
सबक़ : आय में वृद्धियाँ कर्मचारियों के नहीं, उद्यमियों और निवेशकों के पास जा रही हैं उन लोगों के पास नहीं, जो पैसे के लिए काम - करते हैं।
अमीर डैडी का सबक़ : " बचत करने वाले पराजित होते हैं।"
बीस साल पहले ज्यादातर प्रकाशक अमीर डैडी के इस सबक़ से पुरज़ोर तरीक़े से असहमत थे। ग़रीब और मध्य वर्ग के लिए पैसे बचाना’ एक धर्म है, ग़रीबी से आर्थिक मुक्ति है और क्रूर संसार से सुरक्षा है। कई लोगों को तो ऐसा लगा, जैसे बचत करने वालों को 'पराजित’ कहना ईशनिंदा है।
सबक़ : एक चित्र 1,000 शब्दों जितना मूल्यवान होता है। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज़ के 120 सालों के चार्ट पर नजर डालें और आपको दिख जाएगा कि बचत करने वाले क्यों और कैसे पराजित होते हैं।
चार्ट दिखाता है कि इस नई सदी के शुरुआती 10 वर्षों में शेयर बाजार में तीन भारी क्रैश हुए हैं। अगले पेज पर दिया चार्ट इन क्रैशों को
चित्रित करता है।
पहला क्रैश सन 2000 के आस-पास का डॉट कॉम क्रैश था। दूसरा क्रैश 2007 का रियल एस्टेट क्रैश था और तीसरा 2008 का बैं- किंग क्रैश था।