मेरा सपना है इतना अब
मेरे सपने सच हो जाएं सब।
बीमार रहे न कोई,न कोई भूखा प्यासा
सबपे इतना तो हो ही,कि पूरी कर पाएं आशा।
बच्चे पढ़ लिख पाएं, युवा काम पर जाएं
बुद्धि शक्ति का संगम,उन्नति की नदी बहाएं।
कन्याएं निर्भय विचरें,बहुएं अपना हक पाएं
बहन बेटियां बिहँसे, माताएं सुख पाएं।
सबको सबका सुख भाए, द्वेष दम्भ मिट जाए,
आतंक के क्रूर कुकर्मों का, नामोनिशा मिट जाए।
हो साफ स्वच्छ धरती अम्बर और हरियाली हो जी भरकर,
कलकल नदियाँ, झरझर झरने,हरहर सागर की लहर लहर,
सब एक बनें और नेक बनें, सुख देकर सुखी प्रत्येक बनें,
अधिकारों से पहले,कर्तव्यों का अभिषेक करें
जो ये स्वप्न सत्य हो जाये,हर जीव सुखी हो जाये,
प्रभु मेरे ,मुझ पर इतनी जो कृपा आप कर जाएं।