कुछ करने के लिए किसी खास दिन का इंतज़ार क्यों करना?हर दिन , हर पल, हर लम्हा अपने आप मे ख़ास ही होता है। एक नई शुरुआत का अवसर हमेशा सामने होता है।वो कहते हैं ना कि जब जागो तब सवेरा, तो प्रतीक्षा किस बात की? इंतज़ार कैसा और किसका? जो चाहो , कर सकते हो।अपने आप पर पूरा विश्वास रखो। अपने हौसले और क्षमताओं को टटोलो, बाहर निकालो, तराशो, चमकाओ। जो सोच रहे हो, उसे आकार दे दो, दिल खुश हो जाएगा, अपनी रचना पर। दिल खुश हो तो हौसला और बढ़ता है। कुछ करने की हिम्मत मिलती है, क्या सोचते हो? एक नया अवसर तुम्हारे सामने ही है, उठो और इसे अपनी ज़िंदगी का अनमोल हिस्सा बना लो, फिर सब तुम्हारा है। सीमा कहती है कि सीमाओं से बाहर निकलो, कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलो, हर डर के आगे जीत है।तुम्हे जीतना है, जीतना ही है।
आज बस इतना ही,फिर मिलूंगी